नई दिल्ली । लोकसभा में संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर रहमान ने शनिवार को संभल हिंसा का मुद्दा उठाते हुए सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर संविधान को कमजोर करने और मुस्लिम समुदाय के साथ भेदभाव का आरोप लगाया।
रहमान ने अपने संबोधन में कहा कि हमारा संविधान इंसाफ और भाईचारे की जीवंत गवाही है। एक मुस्लिम नेता के तौर पर मुझे इस संविधान पर फख्र है। लेकिन अगर संविधान कमजोर होगा, तो देश कमजोर होगा। उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र संभल में हालिया हिंसा का उल्लेख करते हुए न्याय की मांग की।
सदन में उन्होंने कहा कि संभल हिंसा में पांच लोगों की जान गई और कई लोग घायल हुए। मेरे खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज किया गया, जबकि मैं वहां मौजूद भी नहीं था। मैं चाहता हूं कि इस मामले में पीड़ितों को इंसाफ मिले और दोषियों को सजा दी जाए।
सपा सांसद जियाउर रहमान अपने बयान के दौरान समय सीमा के उल्लंघन पर सभापति की चेतावनी के बावजूद अपनी बात जारी रखते रहे। इसके बाद सभापति ने उनका माइक बंद करवा दिया। इस पर उनके साथ बैठीं सपा सांसद डिंपल यादव ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “माइक तो ऑन कीजिए, सर।”
संभल स्थित शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी और कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इस घटना के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान कर लगभग 2500 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया।
सपा सांसद रहमान ने इस हिंसा को लेकर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि संविधान को कमजोर करना देश को कमजोर करने के समान है। उन्होंने इस मामले में निष्पक्ष न्याय की मांग की।