Lucknow: उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र आगामी 11 अगस्त से शुरू होगा। कैबिनेट ने संसदीय कार्य विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत विधानमंडल के दोनों सदनों का सत्र आहूत किया जाएगा। इससे पहले 18 फरवरी को विधानमंडल का सत्र आयोजित हुआ था, जो 12 मार्च को समाप्त हुआ था।
मानसून सत्र के दौरान प्रदेश सरकार कई महत्वपूर्ण अध्यादेशों को मंजूरी के लिए Lucknow सदन में पेश कर सकती है। इसके साथ ही अन्य विधायी कार्य भी संपन्न होंगे। कैबिनेट ने वित्त विभाग के उस प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी है, जिसमें Lucknow विधानमंडल में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट पेश करने के लिए राज्यपाल की अनुमति ली जाएगी।

सत्र के दौरान CAG की सात महत्वपूर्ण रिपोर्ट Lucknow सदन के पटल पर रखी जाएंगी, जिनमें शामिल हैं:
- शहरी क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन
- केंद्रीय सड़क निधि (सीआरएफ) के उपयोग पर प्रतिवेदन
- सरयू नहर परियोजना पर प्रतिवेदन
- भवन एवं सन्निर्माण कर्मकारों का कल्याण
- मार्च 2022 को समाप्त वर्ष के लिए CAG प्रतिवेदन
- राज्य वित्त पर प्रतिवेदन
- खनन और अवैध खनन का सामाजिक-आर्थिक प्रभाव
Lucknow विधानमंडल का मानसून सत्र 2024 कैसा रहा था ?
उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र 2024, 29 जुलाई से 2 अगस्त तक चला। यह सत्र हंगामेदार रहा, क्योंकि लोकसभा चुनाव 2024 के बाद विपक्ष, खासकर समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस, ने सरकार पर आक्रामक रुख अपनाया। सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण विधायी कार्य हुए और अनुपूरक बजट पारित किया गया। नीचे सत्र की प्रमुख घटनाओं और खबरों का विवरण दिया गया है:
- अनुपूरक बजट पारित
सत्र में ₹12,209.93 करोड़ का अनुपूरक बजट दोनों सदनों से पारित हुआ। इसमें औद्योगिक विकास विभाग को सर्वाधिक ₹7,566 करोड़ आवंटित किए गए, जिसका उद्देश्य प्रदेश में औद्योगीकरण को बढ़ावा देना था। ऊर्जा विभाग को ₹2,000 करोड़ और परिवहन विभाग को ₹1,000 करोड़ की राशि दी गई। यह बजट प्रदेश के विकास कार्यों को गति देने के लिए महत्वपूर्ण माना गया। - विपक्ष का आक्रामक रुख
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने सत्र में सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की कोशिश की। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे और कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ ने कहा कि विपक्ष जनता के मुद्दों पर आक्रामक रहेगा। कानून-व्यवस्था, बेरोजगारी, और कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानों के लिए नामपट्ट प्रदर्शन के सरकारी आदेश जैसे मुद्दों पर तीखी बहस हुई। विपक्ष ने इन मुद्दों को लेकर सरकार पर सवाल उठाए। - मुख्यमंत्री योगी का विपक्ष पर पलटवार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्र के दौरान विपक्ष, विशेषकर सपा, पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा के लिए जनता के मुद्दे वोट बैंक तक सीमित हैं, जबकि उनकी सरकार यूपी के लोगों को परिवार मानती है। योगी ने सपा नेता शिवपाल यादव को सलाह दी कि वे अपना रास्ता चुन लें, और दावा किया कि 2024 में विपक्ष का “खाता भी नहीं खुलेगा।” - अहम विधायी कार्य
सत्र के पहले दिन औपचारिक कार्य जैसे अध्यादेशों, अधिसूचनाओं, और नियमों को सदन के पटल पर रखा गया। इसके बाद 30 जुलाई से 2 अगस्त तक विधायी कार्य हुए। कई विधेयकों को पारित करने की प्रक्रिया पूरी की गई, जिसने सत्र को महत्वपूर्ण बनाया। - स्वास्थ्य, रोजगार और निवेश पर चर्चा
विधान परिषद में स्वास्थ्य, रोजगार, ग्रामीण विकास, और यूपी में निवेश जैसे मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित किया। - विपक्ष की रणनीति
सपा और कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में अपने प्रदर्शन से उत्साहित होकर सत्र में सरकार को घेरने की रणनीति बनाई थी। सत्र में कानून-व्यवस्था और कांवड़ यात्रा से जुड़े सरकारी आदेशों पर चर्चा प्रमुखता से हुई। विपक्ष ने इन मुद्दों को जनता से जोड़कर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की।
सत्र का माहौल

मानसून सत्र छोटी अवधि का था, लेकिन यह काफी हंगामेदार रहा। विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए सरकार की नीतियों और उपलब्धियों का बचाव किया। सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सभी दलों से सहयोग की अपील की, ताकि सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चले।