प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ 2025 को उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक और आर्थिक समृद्धि का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि अब तक 50 करोड़ श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं, जो राज्य की व्यवस्थागत कुशलता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आयोजन से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को तीन लाख करोड़ रुपये का लाभ होगा, जिससे पर्यटन और व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने बताया कि महाकुंभ का आयोजन रक्षा मंत्रालय की भूमि पर होता है, जिसे पिछले आठ वर्षों से लीज पर प्राप्त किया जा रहा है। इस बार श्रद्धालुओं को पहली बार अक्षयवट, पातालपुरी और सरस्वती कूप के दर्शन करने का अवसर मिला है।
लखनऊ को मिली 1000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ लखनऊ में 4 लेन के दो फ्लाईओवर का उद्घाटन किया। इनमें 270 करोड़ रुपये की लागत से बना इंदिरा नगर-खुर्रमनगर फ्लाईओवर और 170 करोड़ रुपये की लागत से बना पॉलिटेक्निक-मुंशी पुलिया फ्लाईओवर शामिल हैं। इस कार्यक्रम में कुल 588 करोड़ रुपये की 114 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया गया।
सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लखनऊ को एयरो सिटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने 1000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की सौगात दी, जिनमें 440 करोड़ रुपये की दो राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं और 600 करोड़ रुपये की विभिन्न राज्य परियोजनाएं शामिल हैं।
महाकुंभ में बेहतर व्यवस्थाएं और कनेक्टिविटी
सीएम योगी ने कहा कि महाकुंभ में असाधारण भीड़ को संभालने के लिए सड़क, रेल और हवाई मार्ग से बेहतरीन कनेक्टिविटी दी गई है। प्रयागराज को जोड़ने के लिए 40 रेगुलर फ्लाइट्स संचालित की जा रही हैं, वहीं रेलवे द्वारा सैकड़ों मेला स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया गया है। उन्होंने बताया कि मौनी अमावस्या के दिन 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया और बेहतरीन व्यवस्थाओं के कारण कोई अव्यवस्था नहीं हुई।
महाकुंभ से यूपी की अर्थव्यवस्था को होगा बड़ा फायदा
सीएम योगी ने कहा कि कुछ लोग कुंभ पर खर्च को लेकर सवाल उठाते हैं, लेकिन यह निवेश प्रयागराज के संपूर्ण पुनरुद्धार के लिए किया गया है। उन्होंने बताया कि महाकुंभ पर कुल 1500 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, लेकिन इसके बदले में उत्तर प्रदेश को 3 लाख करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा। इस आयोजन से पर्यटन और व्यापार को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।