वाराणसी I आगामी प्रयागराज महाकुंभ 2025 का असर काशी में भी महसूस होगा। इस दौरान 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के काशी विश्वनाथ धाम आने की संभावना है। भीड़ को देखते हुए सावन का प्रोटोकॉल लागू किया जाएगा। श्रद्धालुओं को बाबा विश्वनाथ के झांकी दर्शन करने का अवसर मिलेगा, जबकि स्पर्श दर्शन पर प्रतिबंध रहेगा।
धाम में सुरक्षा और सुविधाओं पर जोर
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा, सुविधा और सुगमता के आधार पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। दैनिक पास इस दौरान निरस्त रहेंगे और ऑनलाइन दर्शन-पूजन और रुद्राभिषेक की सुविधा जारी रहेगी।
मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि सुरक्षा पहली प्राथमिकता होगी। इसके बाद श्रद्धालुओं के लिए धाम में प्रसाद, जल और दूध की व्यवस्था के साथ सुगम दर्शन सुनिश्चित किए जाएंगे। प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग मार्ग बनाए गए हैं।
महामंडलेश्वर को मिल सकती है स्पर्श दर्शन की अनुमति
महाकुंभ के दौरान बड़े अखाड़ों और महामंडलेश्वरों को स्पर्श दर्शन की अनुमति दी जा सकती है। इस पर अंतिम निर्णय मंदिर न्यास की अगली बैठक में लिया जाएगा।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम
धाम में कतारबद्ध श्रद्धालुओं को प्रसाद, फूल-माला और दूध आसानी से उपलब्ध कराया जाएगा। सभी सुविधाएं धाम क्षेत्र में ही मुहैया होंगी, ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। यह पहली बार है जब श्री काशी विश्वनाथ धाम के बनने के बाद महाकुंभ का आयोजन हो रहा है। मंदिर प्रशासन ने सभी व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं।