वाराणसी I वाराणसी के गिलट बाजार चौराहे पर महाराणा प्रताप की 12.5 फीट ऊंची घोड़े पर सवार कांस्य प्रतिमा स्थापित करने के प्रस्ताव को योगी सरकार ने हरी झंडी दे दी है। वर्तमान में इस चौराहे पर “दिव्य काशी भव्य काशी” का बोर्ड लगा हुआ है। यह स्थान वाराणसी शहर के एंट्री प्वाइंट्स में से एक है, जो लखनऊ स्टेट हाईवे से लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट होते हुए वाराणसी के शहरी क्षेत्र में प्रवेश का प्रमुख मार्ग है।
चौराहे के चारों ओर जाने वाले मार्ग
गिलट बाजार चौराहे से चार प्रमुख रास्ते निकलते हैं:
- भोजूबीर होते हुए जिला मुख्यालय और वरुणा पुल की ओर।
- पंचकोसी मार्ग की ओर।
- शिवपुर बाजार, रेलवे स्टेशन, सेंट्रल जेल और फुलवरिया होते हुए बीएचयू तक।
- एयरपोर्ट से होकर लखनऊ की ओर।
महाराणा प्रताप की प्रतिमा की मांग और मंजूरी
काशी में महाराणा प्रताप सेना और कई संगठनों ने चौराहे पर महाराणा प्रताप की प्रतिमा स्थापित करने की मांग की थी। वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) के सदस्य और हिंदू युवा वाहिनी के वाराणसी प्रभारी अम्बरीष सिंह भोला ने सरकार को यह प्रस्ताव भेजा था, जिसे अब मंजूरी मिल गई है।
जेपी की प्रतिमा उपेक्षित, लोकतंत्र सेनानियों ने जताया रोष
चौराहे के बगल में जयप्रकाश नारायण (जेपी) की लगभग 15 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा भी स्थित है, जो बदहाल स्थिति में है। इसे लेकर कई बार लोकतंत्र सेनानी और समर्थक अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं।
कांस्य प्रतिमाओं का गौरव
- छावनी क्षेत्र में जेएचवी मॉल के सामने रानी लक्ष्मीबाई की 16 फीट ऊंची अश्वरोही कांस्य प्रतिमा है, जिसका अनावरण 2019 में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने किया था।
- भदैनी इलाके में महारानी लक्ष्मीबाई की जन्मस्थली पर उनकी कांस्य प्रतिमा स्थापित है।