मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महायुति (BJP-Shiv Sena) की प्रचंड जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान तेज हो गई। चुनाव परिणाम आने के बाद से शिवसेना गुट के नेता एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी लगातार आगे बढ़ाई। उन्होंने यह तक संकेत दिए कि यदि उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया तो आगामी बीएमसी चुनावों में बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
चुनावों में बड़ी जीत के बाद बीजेपी ने शिवसेना के दबाव में झुकने से इनकार कर दिया। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने शिंदे से बातचीत कर स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री पद पर समझौता संभव नहीं है। बीजेपी का कहना है कि इस बार चुनावी जनादेश के बाद पार्टी कोई त्याग करने के मूड में नहीं है। इस बातचीत के बाद एकनाथ शिंदे ने अपना रुख नरम कर लिया।
शिंदे ने शुक्रवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मेरी वजह से महाराष्ट्र में सरकार गठन में कोई दिक्कत नहीं होगी। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के फैसले का सम्मान करूंगा। शिंदे के इस बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि महाराष्ट्र में बीजेपी मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालेगी, जबकि शिवसेना गठबंधन में सहयोगी की भूमिका में बनी रहेगी।