मुंबई। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर महायुति (भाजपा, शिवसेना-शिंदे गुट और एनसीपी अजित पवार गुट) के भीतर खींचतान जारी है। राज्य में भाजपा के नेतृत्व में गठबंधन को 230 सीटों के साथ ऐतिहासिक जीत मिली, लेकिन सीएम पद पर सहमति नहीं बन पाई है। भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) दोनों अपने-अपने नेताओं के नाम पर अड़े हुए हैं।
- विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 132 सीटें, शिवसेना (शिंदे गुट) ने 57 सीटें और एनसीपी (अजित पवार गुट) ने 41 सीटें जीतीं।
- मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति तक उन्हें कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने को कहा है।
- भाजपा नेताओं का कहना है कि चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनने के कारण मुख्यमंत्री पद भाजपा का अधिकार है।
- शिवसेना (शिंदे गुट) का तर्क है कि चुनाव एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लड़ा और जीता गया, इसलिए मुख्यमंत्री पद शिवसेना को मिलना चाहिए।
- एनसीपी (अजित पवार गुट) ने संकेत दिया है कि उनकी पहली पसंद देवेंद्र फडणवीस हैं।
सियासी बयानबाजी तेज :
- केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि भाजपा नेतृत्व ने देवेंद्र फडणवीस को तीसरी बार मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया है, हालांकि पार्टी ने इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की है।
- शिंदे गुट ने एनसीपी अजित पवार गुट से समर्थन मांगा है, जिससे सियासी समीकरण और जटिल हो गए हैं।
भाजपा फिलहाल नई सरकार के विभागीय बंटवारे को अंतिम रूप देने के बाद ही मुख्यमंत्री पद के नाम की घोषणा करने के मूड में है। राज्य में मुख्यमंत्री पद पर सहमति बनाने में महायुति को समय लग सकता है। इस बीच राज्यपाल ने शिंदे से कार्यवाहक सीएम के रूप में काम जारी रखने को कहा है।