इंफाल I मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्य में जारी जातीय हिंसा को लेकर जनता से माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि यह पूरा साल बेहद खराब रहा और पिछले साल 3 मई से लेकर अब तक जो कुछ भी हुआ, उसके लिए वे राज्य के लोगों से माफी मांगते हैं। मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया, जबकि अन्य को अपना घर छोड़ना पड़ा। इस दौरान हिंसा और असुरक्षा के कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
एन बीरेन सिंह ने उम्मीद जताई कि पिछले तीन-चार महीनों में जो शांति का माहौल देखा गया है, वह 2025 में मणिपुर में सामान्य स्थिति की बहाली की ओर इशारा करता है।
गौरतलब है कि मणिपुर में पिछले साल मई से जातीय हिंसा जारी है, जिसमें अब तक 200 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं। नवंबर में जिरीबाम में हुई तीन महिलाओं और उनके बच्चों की हत्या के बाद स्थिति और बिगड़ गई। हिंसा के कारण मणिपुर की भाजपा सरकार दबाव में है और एन बीरेन सिंह के नेतृत्व को लेकर विरोध भी तेज हो गया है।
मणिपुर सरकार की सहयोगी पार्टी एनपीपी ने भी मणिपुर सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है और नेतृत्व परिवर्तन की मांग की है।
कैसे शुरू हुई हिंसा:
मणिपुर में हिंसा का सिलसिला 3 मई 2024 को शुरू हुआ, जब आदिवासी छात्रों संघ (ATSUM) ने मणिपुर उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ एक रैली आयोजित की थी। इस आदेश में मणिपुरी समुदाय को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने पर विचार करने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद से मणिपुर में हिंसा की घटनाएं बढ़ गईं और स्थिति को काबू में करने के लिए केंद्र सरकार को अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा।