मौनी अमावस्या पर काशी में श्रद्धालुओं का सैलाब, गंगा स्नान के साथ दान-पुण्य का दौर जारी

वाराणसी I काशी में मौनी अमावस्या के अवसर पर आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला। बुधवार भोर से ही गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। शूलटंकेश्वर से लेकर कैथी तक सभी घाटों पर भक्तों का संगम नजर आया। लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा में पुण्य स्नान किया और दान-पुण्य कर बाबा विश्वनाथ के दर्शन को निकले।

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चार शुभ योगों में बना पुण्यदायी स्नान का अवसर

ज्योतिष के अनुसार, इस बार मौनी अमावस्या पर चार शुभ योग बने हैं—शिववास, सिद्धि, वृषभ गुरु और वज्र योग। इसके अलावा, सूर्य, चंद्रमा और बुध के एक साथ मकर राशि में होने से त्रिग्रही योग बना है। इन शुभ संयोगों के कारण गंगा स्नान और दान का महत्व और बढ़ गया है।

गंगा स्नान का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन पवित्र संगम में देवताओं का निवास माना जाता है, इसलिए इस दिन गंगा स्नान अत्यंत पुण्यदायी होता है। इस मास को कार्तिक के समान पुण्य मास कहा जाता है। श्रद्धालु गंगा तट पर एक माह तक कुटी बनाकर स्नान और ध्यान करते हैं। इस दिन तिल दान का विशेष महत्व बताया गया है।

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दान करने से मिलेगा पुण्य लाभ

ज्योतिषविदों के अनुसार, मौनी अमावस्या पर मौन रहकर स्नान और दान करना विशेष फलदायी होता है। इस दिन चावल, दूध, मिश्री, चीनी, सफेद मिष्ठान, सफेद वस्त्र, चांदी और अन्य सफेद रंग की वस्तुएं दक्षिणा के रूप में दान करनी चाहिए। ब्राह्मणों को भोजन कराना या भोजन सामग्री के साथ नकद दान देना भी अत्यंत शुभ माना गया है।

काशी में मौनी अमावस्या के इस पावन अवसर पर भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है और पूरे शहर में भक्ति और पुण्य की गूंज सुनाई दे रही है।

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