वाराणसी। महाकुंभ 2025 को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी एस. राजलिंगम के निर्देशन और अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व) वंदिता श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में शनिवार को काशी विश्वनाथ मंदिर और ललिता घाट पर मॉक एक्सरसाइज का आयोजन किया गया।
उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप यह दूसरी मॉक एक्सरसाइज थी, जिसका उद्देश्य महाकुंभ के दौरान संभावित आपदाओं से निपटने के लिए विभागों के बीच समन्वय और त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना था।

इस अभ्यास में तीन संभावित आपदाओं-भगदड़, अग्निकांड और डूबने की घटना के परिदृश्यों का परीक्षण किया गया :–
- भगदड़ परिदृश्य : काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के दौरान भगदड़ की स्थिति का अभ्यास किया गया। मंदिर प्रशासन द्वारा सूचना मिलते ही पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, अग्निशमन दल और जिला प्रशासन ने तत्परता से कार्रवाई की। घायलों को तुरंत एंबुलेंस के माध्यम से मंडलीय चिकित्सालय कबीर चौरा पहुंचाया गया।
- अग्निकांड परिदृश्य : मंदिर परिसर में आग लगने की घटना को प्रदर्शित करते हुए अग्निशमन विभाग ने मोटरबाइक और छोटे अग्निशमन वाहनों का उपयोग कर आग पर काबू पाया। यह अभ्यास अग्निकांड की स्थिति में त्वरित और प्रभावी बचाव के लिए किया गया।
- डूबने की घटना : ललिता घाट पर नदी में स्नान के दौरान डूबने की स्थिति का प्रदर्शन किया गया। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और जल पुलिस की टीमों ने वेट और ड्राई रेस्क्यू तकनीकों का उपयोग कर श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला। एनडीआरएफ ने उपस्थित लोगों को प्राथमिक चिकित्सा और डूबने के बाद बचाव तकनीकों की जानकारी दी।
मॉक एक्सरसाइज का उद्देश्य महाकुंभ के दौरान आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को बेहतर सुरक्षा और समुचित सुविधाएं प्रदान करना है। इसमें विभागों को एक-दूसरे के संसाधनों और कार्यप्रणाली की जानकारी दी गई, ताकि किसी भी आपात स्थिति में संगठित और त्वरित कार्रवाई की जा सके।

इस आयोजन का संचालन रामकेवल, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, लखनऊ की देखरेख में हुआ। प्रमुख भागीदारों में एसीपी यातायात अंजनी कुमार राय, मंदिर सुरक्षा अधिकारी सेमसर बहादुर, एनडीआरएफ इंस्पेक्टर राम्याग्य शुक्ला और उनकी टीम, एसडीआरएफ, जल पुलिस, राजस्व विभाग, अग्निशमन दल, आपदा मित्र और नागरिक सुरक्षा के प्रतिनिधि शामिल रहे।
