लखनऊ। भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के तहत पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा नवंबर 2024 में Nationwide Digital Life Certificate Campaign 3.0 का आयोजन किया जा रहा है। 1 से 30 नवंबर तक चलने वाले इस अभियान में Whole of Government दृष्टिकोण अपनाते हुए देशभर में 800 से अधिक शहरों और जिलों में शिविर लगाए जा रहे हैं।
इस अभियान का उद्देश्य पेंशनभोगियों, विशेष रूप से वयोवृद्ध और अशक्त पेंशनभोगियों के लिए जीवन प्रमाणपत्र जमा करने की प्रक्रिया को आसान और सुलभ बनाना है। 2021 में लॉन्च की गई फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के माध्यम से, अब पेंशनभोगी किसी भी एंड्रॉइड स्मार्टफोन का उपयोग करके बिना किसी बाहरी बायोमेट्रिक उपकरण के डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा कर सकते हैं।
वर्ष 2022 में आयोजित अभियान के दौरान 1.41 करोड़ से अधिक डीएलसी जनरेट किए गए, जिनमें से 42 लाख केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों से संबंधित थे। इसी तरह, 2023 में 100 शहरों में आयोजित अभियान के तहत 1.47 करोड़ डीएलसी जनरेट हुए, जिसमें 45 लाख केंद्र सरकार के पेंशनभोगी शामिल थे। 2024 के इस अभियान में बैंक, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक, यूआईडीएआई, रक्षा मंत्रालय, रेल मंत्रालय, दूरसंचार विभाग और पेंशनभोगी कल्याण संघों का सहयोग लिया जा रहा है। विशेष प्रयासों के तहत, वयोवृद्ध और दिव्यांग पेंशनभोगियों के लिए उनके घरों और अस्पतालों में जाकर जीवन प्रमाणपत्र डिजिटल रूप से जमा करने की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा, बैंक शाखाओं में कर्मचारी पेंशनभोगियों को स्मार्टफोन की मदद से डीएलसी जनरेट करने में सहायता कर रहे हैं।
लखनऊ में 20 नवंबर 2024 को जनरल पोस्ट ऑफिस, चौक पोस्ट ऑफिस, गोमती नगर पोस्ट ऑफिस, और इण्डियन बैंक की हज़रतगंज, आलमबाग, मवैया, सिविल हॉस्पिटल और गोखले मार्ग शाखा में शिविर आयोजित किए गए। इस अवसर पर विभाग के निदेशक डॉ. प्रमोद कुमार ने पेंशनभोगियों का डीएलसी जनरेट किया और उन्हें फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक सहित अन्य डिजिटल माध्यमों की जानकारी दी।
इन शिविरों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यूआईडीएआई, मेटी, आकाशवाणी, दूरदर्शन और अन्य मीडिया के अधिकारियों की भागीदारी रही। शिविरों के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए सोशल मीडिया, बैनर और अन्य माध्यमों का उपयोग किया गया।

फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक ने जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए पेंशनभोगियों को सशक्त बनाया है। इस प्रक्रिया की निगरानी डीएलसी पोर्टल के माध्यम से की जा रही है, जिससे अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित की जा सके। यह अभियान न केवल डिजिटल प्रगति का प्रतीक है, बल्कि पेंशनभोगियों के जीवन को सरल और सुविधाजनक बनाने के सरकार के प्रयास का भी हिस्सा है। इस पहल से लाखों पेंशनभोगी लाभान्वित हो रहे हैं, और डिजिटल इंडिया की परिकल्पना को एक नई दिशा मिल रही है।