New Delhi/Karachi : ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद से जारी तनातनी के बीच भारत और पाकिस्तान की नौसेनाएं(Navy) सोमवार, 11 अगस्त को अरब सागर में महज 60 नॉटिकल मील की दूरी पर फायरिंग ड्रिल करने जा रही हैं। यह पहला मौका होगा जब दोनों देश एक ही दिन और लगभग एक ही समय पर अपने-अपने समुद्री क्षेत्रों में युद्धाभ्यास करेंगे। इस स्थिति पर अंतरराष्ट्रीय समुद्री समुदाय की कड़ी नजर है।
Indian Navy ने उत्तरी अरब सागर में सोमवार सुबह 11:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक जंगी जहाज से फायरिंग ड्रिल की चेतावनी जारी की है। नोटिस में अभ्यास के दौरान किस जहाज या मिसाइल का इस्तेमाल होगा, इसका खुलासा नहीं किया गया है। यह चेतावनी कार्गो शिप, ऑयल टैंकर और अन्य नौसैनिक जहाजों को इस क्षेत्र से दूर रहने के लिए दी गई है।

इसी के समानांतर, Pakistani Navy ने भी अपनी समुद्री सीमा में दो दिवसीय (11-12 अगस्त) फायरिंग ड्रिल का ऐलान किया है। यह अभ्यास सोमवार सुबह 4 बजे से मंगलवार दोपहर 3 बजे तक चलेगा। पाकिस्तान की तरफ से भी हथियारों और मिसाइलों के प्रकार को गोपनीय रखा गया है।
तनाव की पृष्ठभूमि अप्रैल के पहलगाम हमले से जुड़ी है, जिसके बाद दोनों देशों की नौसेनाएं कई बार अपने-अपने क्षेत्रों में युद्धाभ्यास कर चुकी हैं। मई में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय नौसेना की कार्रवाई की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सार्वजनिक सराहना की थी, वहीं पाकिस्तान ने तुर्की के जंगी जहाज को कराची बंदरगाह बुलाकर अपनी रक्षा तैयारियां तेज की थीं।

अब जब दोनों देश एक ही दिन समुद्र में मिसाइल दागने की तैयारी कर रहे हैं, तो विशेषज्ञ इसे सामरिक शक्ति प्रदर्शन और संदेश देने की कोशिश के रूप में देख रहे हैं। समुद्री सुरक्षा से जुड़े विश्लेषकों का कहना है कि इतनी कम दूरी पर ड्रिल से तनाव और गलतफहमी का खतरा बढ़ सकता है।
