वाराणसी। NGT( National Green Tribunal ) की दो सदस्यीय पीठ के समक्ष जिलाधिकारी ने Video conferencing के माध्यम से दो याचिकाओं पर सुनवाई में हिस्सा लिया। इस दौरान न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी ने जिलाधिकारी से गंगा के पानी की गुणवत्ता को लेकर सवाल किया और पूछा, “क्या आप गंगा का पानी पी सकते हैं?” इसके साथ ही NGT ( National Green Tribunal ) ने जिलाधिकारी से कहा कि क्यों न बोर्ड लगाकर यह स्पष्ट कर दिया जाए कि गंगा का पानी नहाने और पीने योग्य नहीं है।
सुनवाई के दौरान NGT ( National Green Tribunal ) की पीठ ने जिलाधिकारी से कहा कि वह अपनी शक्तियों का सही उपयोग करें और NGT ( National Green Tribunal ) के आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करें। न्यायमूर्ति त्यागी ने यह भी कहा कि अधिकारी अपनी सुविधा के अनुसार काम करते हैं, यह मानसिकता बदलनी चाहिए। NGT ( National Green Tribunal ) ने सरकार के अधिवक्ता पर भी कड़ी टिप्पणी की और कहा कि आप ऐसे लोगों का बचाव कर रहे हैं, जिनका बचाव नहीं किया जा सकता।
इस मामले की सुनवाई में चेयरपर्सन न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की अनुपस्थिति के कारण विस्तार से सुनवाई नहीं हो सकी। सुनवाई न्यायिक सदस्य अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य डा. ए. सेंथिल वेल की दो सदस्यीय पीठ ने की।
वर्ष 21 नवंबर, 2021 को NGT ( National Green Tribunal ) द्वारा पारित आदेश के अनुपालन को लेकर अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने अनुपालन याचिका दायर की है। इस पर NGT ( National Green Tribunal ) ने आगामी सुनवाई के लिए 13 दिसंबर की तारीख निर्धारित की है। जब याचिकाकर्ता सह अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने हस्तक्षेप करना चाहा, तो NGT ( National Green Tribunal ) ने कहा कि “आज पुरानी पीठ नहीं है, अगली बार सुनवाई होगी।”