Kamakhya Express Derail: कामाख्या एक्सप्रेस पटरी से उतरी, एक की मौत, कई घायल

भुवनेश्वर I (Kamakhya Express Derail) ओडिशा में नेरगुंडी रेलवे स्टेशन के पास रविवार को एक भीषण रेल हादसा हुआ, जिसमें कामाख्या एक्सप्रेस के 11 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि आठ यात्री घायल हो गए। दुर्घटना की सूचना मिलते ही रेलवे प्रशासन और स्थानीय अधिकारी मौके पर पहुंच गए। राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है।

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हादसे का विवरण

यह घटना कटक जिले के नेरगुंडी रेलवे स्टेशन के पास सुबह 11:54 बजे हुई। बेंगलुरु से असम के गुवाहाटी के लिए रवाना हुई ट्रेन संख्या 12251 (एसएमवीटी बेंगलुरु-कामाख्या एसी एक्सप्रेस) के 11 डिब्बे अचानक पटरी से उतर गए। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, दुर्घटना के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। रेलवे ने जांच के आदेश दिए हैं।

घटना के दौरान यात्रियों का अनुभव

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रेन में अचानक झटके लगे और कुछ ही पलों में डिब्बे पटरी से उतर गए। हादसे के बाद यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। कुछ यात्रियों ने बताया कि उन्हें झटके महसूस हुए और कुछ ही सेकंड में ट्रेन का संतुलन बिगड़ गया। कई यात्री अपनी सीटों से गिर गए, जबकि कुछ को मामूली चोटें आईं।

एक यात्री ने कहा, हम अचानक गिर गए, हर जगह अंधेरा छा गया था। शुक्र है कि रेलवे और स्थानीय प्रशासन ने समय पर मदद भेजी।

प्रशासनिक प्रतिक्रिया

रेलवे प्रशासन ने दुर्घटना के तुरंत बाद राहत ट्रेन और मेडिकल टीम को घटनास्थल पर भेजा। पूर्वी तट रेलवे (ईसीओआर) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) अशोक कुमार मिश्रा ने कहा कि 11 डिब्बे पटरी से उतर गए हैं, लेकिन अधिकांश यात्री सुरक्षित हैं।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट कर बताया कि बचाव कार्य तेजी से किया जा रहा है और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में पहुंचाया गया है। रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं और जांच जारी है।

राहत और बचाव कार्य

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि घायलों को अस्पताल भेजने की व्यवस्था की गई है। रेलवे की ओर से हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं:

8455885999

8991124238

इसके अलावा, दुर्घटना प्रभावित यात्रियों के लिए विशेष ट्रेन का भी इंतजाम किया गया है। रेलवे ने दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन के यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए अतिरिक्त कोच लगाए हैं।

हादसे के कारणों की जांच

प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, हादसे के संभावित कारणों में पटरी में खराबी, सिग्नल फेलियर, तेज गति या लोकोमोटिव में तकनीकी गड़बड़ी शामिल हो सकते हैं। रेल सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) इस घटना की गहन जांच करेंगे।

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, हमने घटना की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

प्रभावित ट्रेन सेवाएं और यात्री सुविधा

इस हादसे के चलते कई ट्रेनों के मार्ग बदल दिए गए हैं:

धौली एक्सप्रेस

नीलाचल एक्सप्रेस

पुरुलिया एक्सप्रेस

प्रभावित यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए वैकल्पिक परिवहन की भी व्यवस्था की गई है।

रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

यह हादसा भारतीय रेलवे की सुरक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। हाल ही में देश में कई रेल हादसे हो चुके हैं, जिससे रेलवे के रखरखाव और निगरानी तंत्र की क्षमता पर संदेह उत्पन्न हो रहा है।

पिछले प्रमुख रेल हादसे

बालासोर ट्रेन हादसा (2023): इस दुर्घटना में 280 से अधिक लोग मारे गए थे और 900 से ज्यादा घायल हुए थे।

उत्तर प्रदेश ट्रेन हादसा (2017): पुरी-हरिद्वार उत्कल एक्सप्रेस के पटरी से उतरने से 23 लोगों की मौत हुई थी।

विशेषज्ञों का मानना है कि रेलवे के आधुनिक तकनीक और सुरक्षा उपायों को और सख्त किया जाना चाहिए। ट्रेन ट्रैक पर नियमित मॉनिटरिंग, डिजिटल सिग्नलिंग सिस्टम और स्वचालित ब्रेकिंग सिस्टम को अनिवार्य रूप से लागू करना चाहिए।

भविष्य की सुरक्षा योजनाएं

रेलवे बोर्ड ने इस हादसे के बाद कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं:

इलेक्ट्रॉनिक ट्रैकिंग सिस्टम: ट्रेनों के वास्तविक समय पर निगरानी के लिए नए उपकरण लगाए जाएंगे।

स्वचालित ब्रेकिंग सिस्टम: यह सुनिश्चित करेगा कि ट्रेन अधिकतम सुरक्षा सीमा के भीतर रहे।

संभावित दुर्घटनाओं की पूर्व चेतावनी प्रणाली: सिग्नलिंग और ट्रैक निरीक्षण में आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा।

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा, हम रेलवे सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं और हर संभव उपाय करेंगे ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

ओडिशा में हुए इस रेल हादसे ने एक बार फिर रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है। राहत और बचाव कार्य तेजी से किया गया, लेकिन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे को अपनी रणनीति में सुधार करना होगा। यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए, और इसके लिए आधुनिक तकनीकों और नियमित जांच प्रणाली को मजबूत किया जाना चाहिए।

रेलवे प्रशासन द्वारा इस दुर्घटना की गहन जांच की जा रही है, लेकिन यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भविष्य में सख्त उपाय किए जाने की जरूरत है।

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