भारत-मालदीव संबंधों पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा – भारत हमेशा द्वीप राष्ट्र के साथ खड़ा रहेगा

नई दिल्ली: भारत और मालदीव के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नए आयाम देने के प्रयासों के तहत केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील से मुलाकात की। तीन दिन के भारत दौरे पर आए खलील के साथ चर्चा में जयशंकर ने यह आश्वासन दिया कि भारत हमेशा मालदीव के साथ खड़ा रहेगा।

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सीमा पार व्यापार में नई पहल

दोनों देशों ने सीमापार व्यापार को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय मुद्राओं के उपयोग को प्रोत्साहित करने का एक रोडमैप तैयार किया। इस पहल से आर्थिक संबंधों में मजबूती की उम्मीद जताई जा रही है। जयशंकर ने इसे “साझेदारी में महत्वपूर्ण प्रगति” के रूप में बताया।

रक्षा और सुरक्षा सहयोग पर विचार-विमर्श

बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने समुद्री सुरक्षा, व्यापार और निवेश सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। भारत ने मालदीव की ‘उथुरु थिला फाल्हू’ (यूटीएफ) बंदरगाह परियोजना के समय पर संपन्न होने का समर्थन किया।

बिगड़े संबंधों को सुधारने की कोशिश

नवंबर 2023 में मोहम्मद मुइज्जू की सरकार के सत्ता में आने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव देखा गया था, लेकिन इस बैठक ने आपसी विश्वास बहाल करने की दिशा में सकारात्मक कदम उठाया है।

जयशंकर ने मालदीव के साथ रिश्तों को भारत की “पड़ोसी प्रथम” नीति का अहम हिस्सा बताते हुए कहा, “हमने कई क्षेत्रों में अपने संबंधों को और मजबूत किया है, और यह साझेदारी दोनों देशों के लिए लाभकारी है।”

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यह बैठक दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत करने और हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

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