Online Gaming Bill: भारत में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने ‘ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक 2025’ को लोकसभा में पेश कर मंजूरी दे दी है। इस बिल के तहत रियल मनी गेम्स (RMGs) पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है, जिससे Dream11, MPL, My11Circle, MyTeam11, Winzo, और Rummy Circle जैसे लोकप्रिय गेमिंग ऐप्स पर ताला लग सकता है। सरकार का कहना है कि ये गेम्स सट्टेबाजी को बढ़ावा देते हैं, जिससे युवाओं को आर्थिक और मानसिक नुकसान हो रहा है।
रियल मनी गेम्स पर सख्ती, स्किल-बेस्ड गेम्स को राहत
Online Gaming बिल के तहत गेमिंग इंडस्ट्री को दो श्रेणियों में बांटा गया है। पहली श्रेणी में रियल मनी गेम्स शामिल हैं, जिनमें खिलाड़ी पैसे लगाकर कैश रिवॉर्ड जीतते हैं। इनमें Dream11, MPL, My11Circle, MyTeam11, Winzo, और Rummy Circle जैसे ऐप्स शामिल हैं, जहां जीत-हार गेमिंग कंपनी के पैटर्न पर निर्भर करती है, न कि केवल स्किल पर। सरकार इन गेम्स को सट्टेबाजी के रूप में देखती है और इन्हें बैन करने की तैयारी में है।
दूसरी श्रेणी में Online Gaming स्किल-बेस्ड गेम्स जैसे Call of Duty Mobile, BGMI, FreeFire, और Ludo King शामिल हैं। इन गेम्स में जीत खिलाड़ी की काबिलियत पर निर्भर करती है और पैसे लगाने की बाध्यता नहीं होती। खिलाड़ी कॉस्मेटिक आइटम्स जैसे स्किन्स या गन अपग्रेड के लिए पैसे खर्च कर सकते हैं, लेकिन रिवॉर्ड कॉइन्स या पॉइंट्स में मिलते हैं, न कि कैश में। इन गेम्स को बिल में बढ़ावा देने की बात कही गई है।
क्या होगा बैन, क्या नहीं?
हालांकि सरकार ने आधिकारिक रूप से बैन होने वाले Online Gaming की सूची जारी नहीं की है, लेकिन बिल के प्रावधानों के अनुसार Dream11, MPL, My11Circle, MyTeam11, Winzo, और Rummy Circle जैसे रियल मनी गेम्स पर प्रतिबंध लगने की संभावना है। वहीं, BGMI, FreeFire, Call of Duty Mobile, और Ludo King जैसे स्किल-बेस्ड और सोशल गेम्स पर कोई रोक नहीं होगी। बिल में इन गेम्स को ई-स्पोर्ट्स के तौर पर मान्यता दी गई है, और इन्हें बढ़ावा देने के लिए एक केंद्रीय नियामक प्राधिकरण बनाया जाएगा।

2 लाख करोड़ की इंडस्ट्री पर असर
भारत की Online Gaming इंडस्ट्री 2 लाख करोड़ रुपये की है, जो हर साल 31,000 करोड़ रुपये का राजस्व पैदा करती है। यह सेक्टर सरकार को 20,000 करोड़ रुपये का टैक्स देता है और 2 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार प्रदान करता है। बिल के लागू होने से इस इंडस्ट्री पर भारी प्रभाव पड़ सकता है, और लाखों नौकरियों पर संकट मंडरा रहा है। उद्योग संगठनों जैसे ई-गेमिंग फेडरेशन (EGF) और ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (AIGF) ने इसे “इंडस्ट्री के लिए मौत की घंटी” बताया है।
सजा और जुर्माने के प्रावधान
Online Gaming बिल में रियल मनी गेम्स को संचालित करने वालों के लिए कड़े दंड का प्रावधान है। नियम तोड़ने वाली कंपनियों को 3 साल तक की जेल, 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं। इन गेम्स का प्रचार करने वालों को 2 साल की जेल और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। बैंकों और वित्तीय संस्थानों को भी ऐसे प्लेटफॉर्म्स के लिए लेन-देन करने से रोका गया है।
क्रिकेट और स्पॉन्सरशिप पर प्रभाव
Online Gaming बिल का असर क्रिकेट इंडस्ट्री पर भी पड़ सकता है। Dream11, जो भारतीय क्रिकेट टीम का प्रमुख स्पॉन्सर है, सालाना 358 करोड़ रुपये का योगदान देता है। My11Circle के पास IPL फैंटेसी राइट्स हैं, जिनकी कीमत 625 करोड़ रुपये है। बैन से क्रिकेट प्रायोजन और विज्ञापन राजस्व में कमी आ सकती है।

विपक्ष और उद्योग की चिंता
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने Online Gaming बिल को बिना इंडस्ट्री की सलाह के लाने की आलोचना की है। उनका कहना है कि यह यूजर्स को डार्क वेब और अवैध प्लेटफॉर्म्स की ओर धकेल सकता है। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि पूर्ण बैन के बजाय सख्त लेकिन प्रोग्रेसिव रेगुलेशन बेहतर विकल्प हो सकता है।