Operation Conviction : योगी सरकार की सख्ती से 15 हजार से ज्यादा अपराधियों को मिली सजा, बढ़ा कानून का डर

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का असर अब आंकड़ों में साफ दिखाई देने लगा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर चलाए जा रहे ऑपरेशन कन्विक्शन (Operation Conviction) के तहत पिछले एक साल में हत्या, बलात्कार, पॉक्सो एक्ट, डकैती, लूट और अपहरण जैसे गंभीर मामलों में 15,641 अपराधियों को सजा दिलाई गई है। इस कार्रवाई से जहां आमजन में सुरक्षा की भावना मजबूत हुई है, वहीं अपराधियों में कानून का भय भी बढ़ा है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले एक वर्ष में 47,149 गंभीर अपराधों के मामलों को चिन्हित किया गया था। इनमें से अब तक 19,584 मामलों का निस्तारण हो चुका है। न्यायालयों ने इन मामलों में अपराधियों को कठोर सजा सुनाई है, जिससे सजा दर में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।

Operation Conviction: पॉक्सो और बलात्कार में सबसे ज्यादा सजाएं

डीजी अभियोजन दीपेश जुनेजा के अनुसार, पॉक्सो एक्ट और बलात्कार के मामलों में 6,075 अपराधियों को सजा सुनाई गई। यह कुल 27,074 मामलों में से 9,140 मामलों के निपटारे के बाद संभव हो पाया, जिसकी सजा दर 66.46 प्रतिशत रही।

इसके अलावा:

  • हत्या: 9,942 मामलों में से 4,137 का निर्णय हुआ, 3,411 को सजा, सजा दर 82.45%
  • डकैती: 461 मामलों में से 203 का निपटारा, 174 को सजा, सजा दर 85.71%
  • लूट: 1,969 मामलों में से 780 निपटारे, 740 को सजा, सजा दर 94.87%
  • चोरी/गृहभेदन: 7,573 में से 5,246 मामलों का निपटारा, 5,175 को सजा, सजा दर 98.64%
  • अपहरण: 130 मामलों में 78 निपटारे, 66 को सजा, सजा दर 84.61%

तकनीक के सहारे तेज़ी से मिला न्याय

डीजी ने बताया कि सजा की दर में तेजी लाने के लिए ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल, केस ट्रैकिंग सिस्टम, और वर्चुअल कोर्ट जैसी तकनीकों का सहारा लिया गया। जिलों में अभियोजन अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया, जिससे मुकदमों की त्वरित समीक्षा हो सकी।

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इसके अलावा इस अभियान के चलते अपराधी गिरोहों की सक्रियता में भी कमी देखी गई है। लोगों में न्यायिक प्रक्रिया को लेकर भरोसा बढ़ा है और अपराधियों में अब कानून का डर है।


कानून का शासन स्थापित करने की दिशा में मजबूत कदम

अधिकारियों का मानना है कि ऑपरेशन कन्विक्शन (Operation Conviction) अब सिर्फ एक सरकारी मुहिम नहीं बल्कि “कानून के शासन की पुनर्स्थापना” का प्रतीक बन गया है। इसका सीधा लाभ प्रदेश की जनता को मिल रहा है, जो अब खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस कर रही है।

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