वाराणसी। फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट (द्वितीय) के न्यायधीश सुनील कुमार ने तत्कालीन थानाध्यक्ष चोलापुर और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
ग्राम कटारी, थाना चोलापुर के निवासी और मिर्जापुर के जिला पंचायत अध्यक्ष राजू कन्नौजिया ने अपने अधिवक्ता वरुण प्रताप सिंह के माध्यम से कोर्ट में 156 (3) के तहत प्रार्थनापत्र दाखिल किया था, जिसे अवर न्यायालय ने पहले खारिज कर दिया था। इसके बाद, कन्नौजिया ने सत्र न्यायालय में पुनरीक्षण याचिका दायर की, जिसे सुनवाई के बाद स्वीकार कर लिया गया।
अधिवक्ता वरुण प्रताप सिंह के अनुसार, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वाराणसी द्वारा पारित आदेश 27 अक्टूबर 2020 विधि विरुद्ध था। न्यायालय ने बिना साक्ष्यों और तथ्यों की समीक्षा किए हुए आदेश जारी किया, जो निरस्त करने योग्य था।
राजू कन्नौजिया की गिरफ्तारी 30 अक्टूबर 2018 को चोलापुर पुलिस द्वारा उनके घर से की गई थी। पुलिस ने थाने ले जाकर उन्हें मारा-पीटा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। 31 अक्टूबर 2018 को पुलिस ने उन्हें चालान कर दिया। गिरफ्तारी के बाद चोलापुर थाने के चिकित्सक ने उनके चोटों का मेडिकल परीक्षण किया, लेकिन चिकित्सक ने उनके शरीर पर आए घावों का विवरण शून्य लिखा, जो कि मेडिकल रिपोर्ट से मेल नहीं खाता।
अधिवक्ता वरुण प्रताप सिंह ने बताया कि राजू कन्नौजिया ने 2018 में चोलापुर थाने में हत्या का मुकदमा पंजीकृत कराया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और कस्टडी में उनके ऊपर जानलेवा हमला किया, जिसके कारण उन्हें पेट और हाथों में चोटें आई थीं।