नई दिल्ली I जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले (Pahalgam Attack) के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। बुधवार को पाकिस्तानी सेना ने इंटरनेशनल बॉर्डर पर कई चौकियां खाली कर दीं और इन पोस्टों से अपने झंडे भी हटा लिए। कठुआ के प्रग्याल इलाके में ये चौकियां खाली की गई हैं।
इस बीच, भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का नए सिरे से गठन किया है, जिसके चेयरमैन पूर्व रॉ चीफ आलोक जोशी को नियुक्त किया गया है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान और तीनों सेना प्रमुखों के साथ Pahalgam Attack के बाद डेढ़ घंटे की उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में पीएम मोदी ने सेना को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई का तरीका, लक्ष्य और समय तय करने की पूरी छूट दे दी।
प्रधानमंत्री आवास पर बुधवार को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) की दूसरी बैठक संपन्न हुई। पहली बैठक 23 अप्रैल को हमले के अगले दिन हुई थी। CCS की बैठक के तुरंत बाद कैबिनेट कमेटी ऑन पार्लियामेंट्री अफेयर्स (CCPA), आर्थिक मामलों की कमेटी और केंद्रीय कैबिनेट की बैठकें भी हुईं।
Pahalgam Attack के बाद नियंत्रण रेखा (LoC) पर तनाव बना हुआ है। पाकिस्तानी सेना ने बुधवार को छठी बार सीजफायर का उल्लंघन किया, जिसमें बारामूला और कुपवाड़ा सेक्टरों में गोलीबारी की गई। भारतीय सेना ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया।
पाकिस्तान की ओर से लगातार उकसावे की कार्रवाइयों के बीच भारत ने कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर कड़े कदम उठाए हैं। सरकार ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया और अटारी-वाघा सीमा को बंद कर दिया है। स्थिति पर पूरे देश की नजर है, क्योंकि दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात बनते जा रहे हैं।
