पाकिस्तानी सेना का ऑपरेशन: TTP के 9 आतंकी ढेर, 2 सैनिकों की मौत
पाकिस्तान (Pakistan) की सुरक्षा बलों ने आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाते हुए खैबर पख्तूनख्वा और डेरा इस्माइल खान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान दोनों ओर से हुई गोलीबारी में 9 आतंकियों को मार गिराया गया, जबकि 2 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये आतंकी अफगानिस्तान की सीमा से सटे इलाकों में सक्रिय थे और हाल ही में हुए कई हमलों में शामिल थे।

TTP के खिलाफ पाकिस्तानी सेना का अभियान
अल-जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी सेना ने खैबर पख्तूनख्वा और डेरा इस्माइल खान जिले में छापेमारी की, जहां TTP के लड़ाके छिपे हुए थे। इस अभियान में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने दो ठिकानों को निशाना बनाया, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच भीषण गोलीबारी हुई।
इस कार्रवाई में 9 आतंकियों को ढेर कर दिया गया, जबकि पाकिस्तानी सेना के 2 जवान मारे गए। यह ऑपरेशन अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते आतंकवादी हमलों को रोकने के लिए किया गया था।

आतंकियों ने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों पर किया था हमला
पाकिस्तानी पुलिस ने बताया कि शनिवार को अफगानिस्तान सीमा से लगे कुर्रम जिले में आतंकियों ने घात लगाकर सुरक्षा बलों पर हमला किया था। हालांकि, इस हमले में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली थी। इसी के जवाब में पाकिस्तानी सेना ने TTP के ठिकानों पर यह बड़ा ऑपरेशन चलाया।
बन्नू में आत्मघाती हमला, 12 लोगों की मौत
हाल ही में टीटीपी के एक गुट जैश अल-फुरसान ने 4 मार्च को बन्नू में एक आत्मघाती हमला किया था। इस हमले में 12 लोग मारे गए और 30 से ज्यादा घायल हो गए थे। दो विस्फोटक लदे वाहनों ने सैन्य छावनी की दीवार में टक्कर मार दी थी, जिसके बाद पाकिस्तानी सेना ने जवाबी कार्रवाई में कम से कम 6 आतंकवादियों को मार गिराया था।
पाकिस्तानी सेना का आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी
पाकिस्तानी सेना के अनुसार, पिछले साल 59,775 अभियानों के दौरान 925 आतंकवादी और 383 सैनिक मारे गए थे। 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता संभालने के बाद से पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है।
पाकिस्तान सरकार का आरोप है कि अफगान तालिबान ने TTP को समर्थन दिया है, जिससे पाकिस्तान में आतंकी हमलों में तेजी आई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2024 अब तक का सबसे खतरनाक साल रहा है, जिसमें 685 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो चुकी है।
TTP और अफगान तालिबान का गठजोड़
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) एक अलग संगठन है, लेकिन यह अफगान तालिबान का करीबी सहयोगी है। 2021 में जब अफगान तालिबान ने सत्ता पर कब्जा किया, तब से TTP पाकिस्तान में और मजबूत हो गया। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि TTP को अफगानिस्तान से समर्थन मिलता है, जिससे यह संगठन पाकिस्तान के लिए बड़ा खतरा बन चुका है।
पाकिस्तानी सेना की यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ उसके बढ़ते ऑपरेशनों का हिस्सा है। TTP के खिलाफ यह सैन्य अभियान पाकिस्तान की सुरक्षा रणनीति का एक अहम कदम है। हालांकि, TTP और अफगान तालिबान के गठजोड़ को देखते हुए यह संघर्ष और तेज हो सकता है। पाकिस्तान के लिए अफगान सीमा पर सुरक्षा सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।