नई दिल्ली। चाइनीज मांझे के चलते होने वाली मौतों और हादसों को रोकने के उद्देश्य से राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में एक याचिका दायर की गई है। याचिका में चाइनीज और नायलॉन मांझे के व्यापार, भंडारण और उपयोग पर पूरी तरह से रोक लगाने की मांग की गई है।
याचिकाकर्ता ने एनजीटी से आग्रह किया है कि हर जिले में विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) का गठन किया जाए, जो चाइनीज मांझे की बिक्री और उपयोग की निगरानी कर सके। इसके साथ ही, इस मुद्दे पर प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए उच्च स्तरीय समिति के गठन का सुझाव भी दिया गया है।
याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि चाइनीज मांझा केवल मनुष्यों के लिए नहीं, बल्कि पक्षियों और जानवरों के लिए भी घातक साबित हो रहा है। मांझे के तेज धागों से पक्षी और जानवर गंभीर रूप से घायल हो रहे हैं और कई मामलों में उनकी मौत हो रही है। यह खतरनाक मांझा पर्यावरण के लिए भी नुकसानदायक है, क्योंकि यह जैव-अवक्रमण (बायोडिग्रेडेबल) नहीं होता।
याचिकाकर्ता ने एनजीटी से यह भी अनुरोध किया है कि पतंगबाजी के लिए केवल पर्यावरण-friendly और बायोडिग्रेडेबल मांझे का उपयोग बढ़ावा दिया जाए। इसके अलावा, सिंथेटिक और नायलॉन से बने मांझे पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाए।
याचिका में यह भी रेखांकित किया गया है कि प्रभावी निगरानी और प्रतिबंध की कमी के कारण चाइनीज मांझे का उपयोग लगातार बढ़ रहा है। इस पर सख्ती से अंकुश लगाने के लिए एनजीटी का सक्रिय हस्तक्षेप अनिवार्य है।
यह याचिका उस समय दायर की गई है जब देशभर में चाइनीज मांझे के कारण जान-माल का भारी नुकसान हो रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि एनजीटी इस गंभीर समस्या पर शीघ्र कोई निर्णायक कदम उठाएगा।