नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) द्वारा 12 मई की रात देश के नाम दिए गए संबोधन में “टेरर और टॉक एक साथ नहीं चल सकते” बयान पर महाराष्ट्र से सपा विधायक अबू आसिम आजमी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सरकार की आतंकवाद के खिलाफ नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर बातचीत नहीं करनी थी, तो आतंकवादी हमले के बाद कड़ा जवाब क्यों नहीं दिया गया?
“जब हमारे 40 जवान शहीद हुए तो बातचीत क्यों नहीं हुई?”
अबू आजमी ने कहा कि जब पुलवामा में हमारे 40 जवान शहीद हुए थे, तब सरकार ने पाकिस्तान से संवाद क्यों नहीं किया? उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी कहीं न कहीं अमेरिका के दबाव में काम कर रहे हैं।
“बिना बुलाए पाकिस्तान जाना और फिर चुप्पी क्यों?”
सपा विधायक ने प्रधानमंत्री (Pm Modi) के अचानक पाकिस्तान दौरे को भी कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा, “एक समय तो प्रधानमंत्री बिना न्योते के पाकिस्तान पहुंच गए थे, तब किसी ने नहीं पूछा। आज जब देश का हर नागरिक कार्रवाई के मूड में था, तो सरकार पीछे क्यों हट गई?”
“डायलॉग नहीं, ठोस कार्रवाई की जरूरत थी”
आजमी ने कहा, “अगर सरकार का कहना है कि आतंक और बातचीत साथ नहीं चल सकती, तो फिर पुलवामा जैसे हमले के बाद निर्णायक कार्रवाई क्यों नहीं की गई? देश यह जानना चाहता है कि सिर्फ भाषणों से आतंकवाद खत्म नहीं होगा।”
“नोटबंदी, 370 के बाद भी हालात जस के तस”
उन्होंने सरकार की पिछली नीतियों पर भी सवाल उठाए। आजमी बोले, “प्रधानमंत्री (Pm Modi) ने कहा था कि अनुच्छेद 370 हटाने और नोटबंदी के बाद आतंकवाद पर लगाम लगेगी, लेकिन आज भी वही सब कुछ हो रहा है जो पहले होता था।”
“क्या भारत को अमेरिका तय करेगा?”
अमेरिका की भूमिका पर टिप्पणी करते हुए अबू आजमी ने कहा, “क्या हम पाकिस्तान से रिश्ते रखें या नहीं, इस पर अमेरिका फैसला करेगा? क्या हमें अब अमेरिका बताएगा कि कब लड़ना है और कब बातचीत करनी है? ये भारत की नीति नहीं होनी चाहिए।”
“दक्षिण एशिया को चाहिए साझा मंच”
आखिर में आजमी ने डॉ. राम मनोहर लोहिया का हवाला देते हुए कहा कि भारत, पाकिस्तान, नेपाल और श्रीलंका जैसे देशों को एक साझा महासंघ बनाना चाहिए ताकि बाहरी ताकतों की मध्यस्थता की जरूरत ही न पड़े।