नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार दिवसीय विदेश यात्रा के तहत फ्रांस और अमेरिका के दौरे पर रवाना हो गए हैं। इस यात्रा में वह फ्रांस में एआई एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता करेंगे और भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद वह अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे, जो उनके दूसरे कार्यकाल में पीएम मोदी की पहली अमेरिका यात्रा होगी।
फ्रांस यात्रा: एआई समिट और भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि
फ्रांस यात्रा के दौरान पीएम मोदी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर एआई एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता करेंगे। इस सम्मेलन में वह समावेशी, सुरक्षित और भरोसेमंद तरीके से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग और नवाचार पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। इसके अलावा, वह मार्सिले में अंतर्राष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर (ITER) परियोजना का दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी मजारगुएस युद्ध कब्रिस्तान में उन भारतीय सैनिकों को भी श्रद्धांजलि देंगे, जिन्होंने प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में बलिदान दिया था।
ट्रंप के आमंत्रण पर अमेरिका यात्रा
फ्रांस के बाद प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका जाएंगे, जहां वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निमंत्रण पर दो दिवसीय यात्रा करेंगे। ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में यह पीएम मोदी की पहली अमेरिका यात्रा होगी। पीएम मोदी ने इस दौरे को भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने का अवसर बताया है।
भारत-अमेरिका संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने की तैयारी
पीएम मोदी ने यात्रा से पहले कहा कि इस दौरे से दोनों देशों के बीच प्रौद्योगिकी, व्यापार, रक्षा, ऊर्जा और आपूर्ति श्रृंखला जैसे क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका मिलकर दुनिया के लिए एक बेहतर भविष्य तैयार करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि वह अपने मित्र राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने के लिए उत्सुक हैं और उनके साथ भारत-अमेरिका के वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर चर्चा करेंगे। उन्होंने ट्रंप के पहले कार्यकाल में हुई द्विपक्षीय सफलताओं को भी याद किया।
भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी पर भी होगी चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि फ्रांस की यह यात्रा भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी के लिए 2047 के रोडमैप** पर प्रगति की समीक्षा करने का भी अवसर होगी। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच वैश्विक चुनौतियों, तकनीकी सहयोग और व्यापारिक संबंधों को लेकर भी अहम चर्चा होगी।