PM Modi: नई दिल्ली में कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन, सेंट्रल विस्टा परियोजना में एक और कदम

PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में कर्तव्य पथ पर नवनिर्मित कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन किया। यह अत्याधुनिक कार्यालय परिसर सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को एक साथ लाकर कार्य दक्षता, नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देना है। कर्तव्य भवन-3 में गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, MSME मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी), पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय/विभाग और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) के कार्यालय स्थानांतरित किए जाएंगे।

सेंट्रल विस्टा परियोजना का हिस्सा

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सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के लिए कुल 10 भवनों का निर्माण प्रस्तावित है। इनमें से कर्तव्य भवन-3 बनकर तैयार हो गया है, जिसका उद्घाटन PM Modi ने किया। इस अवसर पर वह शाम छह बजे कर्तव्य पथ पर एक सार्वजनिक सभा को भी संबोधित करेंगे। परियोजना के पूर्ण होने पर सरकार को किराए के रूप में खर्च होने वाले लगभग 1500 करोड़ रुपये की बचत होगी।

PM Modi: नई दिल्ली में कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन, सेंट्रल विस्टा परियोजना में एक और कदम PM Modi: नई दिल्ली में कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन, सेंट्रल विस्टा परियोजना में एक और कदम

कर्तव्य भवन-3 की खासियतें

लगभग 1.5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला यह कार्यालय परिसर दो बेसमेंट और सात मंजिलों (भूतल+6 मंजिल) वाला है। इसमें सुरक्षित और आईटी-सक्षम कार्यस्थल, स्मार्ट एंट्री सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और कमांड सेंटर, सोलर पैनल, सौर वॉटर हीटर और ई-वाहन चार्जिंग स्टेशन जैसी आधुनिक सुविधाएं हैं। यह भवन पर्यावरण के अनुकूल निर्माण को बढ़ावा देता है, जिसमें अपशिष्ट जल का पुन: उपयोग और ठोस कचरा प्रबंधन प्रणाली शामिल है। बाहरी ध्वनि प्रदूषण को कम करने और इमारत को ठंडा रखने के लिए विशेष कांच की खिड़कियां भी लगाई गई हैं।

30% कम ऊर्जा खपत

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कर्तव्य भवन-3 को 30 प्रतिशत कम ऊर्जा खपत के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें ऊर्जा बचाने वाली एलईडी लाइटें, सेंसर-आधारित स्वचालित लाइटिंग सिस्टम, स्मार्ट लिफ्ट्स और बिजली प्रबंधन की उन्नत प्रणाली शामिल हैं।

अन्य भवनों का निर्माण भी जल्द पूरा होगा

PM Modi ने बताया कि अगले महीने तक कर्तव्य भवन-1 और कर्तव्य भवन-2 भी बनकर तैयार हो जाएंगे, जिनका निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। शेष सात भवनों का निर्माण अप्रैल 2027 तक पूरा हो जाएगा। इस परियोजना पर करीब 1000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इन भवनों में तकनीक, सुरक्षा और पर्यावरण अनुकूलता का विशेष ध्यान रखा गया है। पूरे परिसर की निगरानी के लिए एक कमांड सीसीटीवी सेंटर भी स्थापित किया गया है। कर्तव्य भवनों को इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन से जोड़ने के लिए एक नई मेट्रो लाइन का प्रस्ताव भी है।

PM Modi: नई दिल्ली में कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन, सेंट्रल विस्टा परियोजना में एक और कदम PM Modi: नई दिल्ली में कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन, सेंट्रल विस्टा परियोजना में एक और कदम

पुराने भवनों का रखरखाव महंगा

PM Modi ने बताया कि मौजूदा मंत्रालय भवन, जैसे शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन, 1950-1970 के दशक में बने थे और अब पुराने हो चुके हैं। इनका सालाना रखरखाव काफी महंगा पड़ रहा था। वर्तमान में केंद्र सरकार के पास 55 मंत्रालय और 93 विभाग हैं, जो इन पुरानी इमारतों और नॉर्थ व साउथ ब्लॉक में कार्यरत हैं।

नॉर्थ और साउथ ब्लॉक में बनेगा भारत संग्रहाल

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PM Modi के इस प्रोजेक्ट में कर्तव्य भवनों के बनने के बाद नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को पूरी तरह खाली कराकर वहां भारत संग्रहालय बनाया जाएगा। इस संग्रहालय में महाभारत काल से लेकर वर्तमान तक के भारत के इतिहास, कला और संस्कृति को प्रदर्शित किया जाएगा। यह कार्य दिसंबर 2031 तक पूरा होगा। इसके अलावा, सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत नए प्रधानमंत्री आवास और कार्यालय का निर्माण भी शुरू हो चुका है।

कर्तव्य भवन-3 की विशेषताएं एक नजर मे

विवरणजानकारी
कुल क्षेत्रफल1.50 लाख वर्ग मीटर
भूतल क्षेत्रफल40 हजार वर्ग मीटर
कुल तल10 (दो बेसमेंट सहित)
पार्किंग क्षमता600 कारें
बैठने की व्यवस्थावर्क हॉल और केबिन
मुख्य सुविधाएंयोगा रूम, क्रेच, मेडिकल रूम, कैफे, मल्टीपर्पज हॉल
मुख्य कांफ्रेंस हॉल24 (प्रत्येक में 45 लोगों की क्षमता)
छोटे कांफ्रेंस हॉल26 (प्रत्येक में 25 लोगों की क्षमता)
मीटिंग रूम / वर्क हॉल67 (प्रत्येक की क्षमता 9 लोगों की)
लिफ्ट27
एयर कंडीशनिंगसेंट्रलाइज्ड
स्वचालित सीढ़ियां2

पुराने भवनों का होगा पुनर्विकास

PM Modi के इस प्रोजेक्ट में सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत कृषि भवन, उद्योग भवन, शास्त्री भवन और निर्माण भवन को जल्द ही तोड़ा जाएगा। इनमें मौजूद मंत्रालयों को नए कर्तव्य भवनों या अस्थायी किराए के भवनों में स्थानांतरित किया जाएगा। परियोजना के तहत पहले ही संसद भवन, उपराष्ट्रपति एन्क्लेव और कर्तव्य पथ का पुनर्विकास पूरा हो चुका है। इसके अलावा, एक कार्यकारी एन्क्लेव का निर्माण भी होगा, जिसमें नया प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), कैबिनेट सचिवालय, इंडिया हाउस और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय शामिल होंगे।

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