नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को संसद पहुंचकर बजट सत्र की शुरुआत से पहले देश को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने मां लक्ष्मी का स्मरण करते हुए देश के गरीब और मध्यम वर्ग के कल्याण की प्रार्थना की।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज बजट सत्र की शुरुआत में मैं समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी को नमन करता हूं। मां लक्ष्मी हमें सफलता और बुद्धि प्रदान करती हैं। मैं प्रार्थना करता हूं कि देश के हर गरीब और मध्यम वर्ग पर उनकी विशेष कृपा बनी रहे।
विकसित भारत के संकल्प की दिशा में बढ़ता देश
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने अपने गणतंत्र के 75 वर्ष पूरे कर लिए हैं और यह प्रत्येक नागरिक के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा, “यह इस तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट है। मुझे विश्वास है कि 2047 में जब आजादी के 100 साल पूरे होंगे, तब यह बजट देश में नया विश्वास और नई ऊर्जा लेकर आएगा। 140 करोड़ देशवासी अपने सामूहिक प्रयासों से विकसित भारत के संकल्प को पूरा करेंगे।”
मिशन मोड में आगे बढ़ेगी सरकार
प्रधानमंत्री ने कहा कि तीसरे कार्यकाल में उनकी सरकार देश के सर्वांगीण विकास को लेकर मिशन मोड में काम कर रही है। उन्होंने कहा, चाहे भौगोलिक, सामाजिक या आर्थिक स्तर पर विकास हो, हम पूरी प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रहे हैं।”
रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म का मंत्र
पीएम मोदी ने कहा कि “देश को तेज गति से विकास की ओर ले जाने के लिए रिफॉर्म (सुधार), परफॉर्म (प्रदर्शन) और ट्रांसफॉर्म (परिवर्तन) का मंत्र जरूरी है। केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर बेहतर प्रदर्शन करना होगा और जनता की भागीदारी से ही परिवर्तन संभव होगा।”
विदेशी चिंगारी’ पर तंज
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने अप्रत्यक्ष रूप से विदेशी हस्तक्षेप पर निशाना साधते हुए कहा, “शायद 2014 से लेकर अब तक यह पहला बजट सत्र है, जिसके पहले कोई ‘विदेशी चिंगारी’ नहीं देखी गई। पहले कई विदेशी ताकतें आग लगाने की कोशिश करती थीं, और हमारे देश में कुछ लोग उन चिंगारियों को हवा देने में कोई कसर नहीं छोड़ते थे।”
बजट सत्र के इस संबोधन से यह स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि सरकार आने वाले समय में आर्थिक सुधारों और विकास कार्यों को गति देने के लिए बड़े फैसले ले सकती है।