नई दिल्ली I सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामले में समझौते को अस्वीकार कर दिया और आरोपी शिक्षक को मुकदमे का सामना करने का आदेश दिया। 2022 में राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले की गंगापुर सिटी तहसील में एक सरकारी स्कूल के शिक्षक पर दलित नाबालिग छात्रा से छेड़छाड़ का आरोप लगा था। इस मामले में राजस्थान हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों के बीच समझौते को आधार बनाकर केस को रद्द कर दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे गलत मानते हुए निरस्त कर दिया।
मामला 2022 का है जब गंगापुर सिटी के सरकारी स्कूल में 16 वर्षीय नाबालिग छात्रा से शिक्षक विमल कुमार गुप्ता ने छेड़छाड़ की थी। पीड़िता के पिता की शिकायत पर पुलिस ने IPC की धारा 354 और पोक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की थी, लेकिन आरोपी शिक्षक की गिरफ्तारी नहीं हुई। बाद में आरोपी ने 500 रुपये के स्टांप पर समझौता किया, जिसमें पीड़िता ने कहा कि उसने गलतफहमी में केस दर्ज कराया था और अब वह किसी कार्रवाई के पक्ष में नहीं है।
पुलिस ने इस समझौते को आधार बनाकर केस बंद करने की कोशिश की, लेकिन स्थानीय अदालत ने इसे अस्वीकार कर दिया। इसके बाद आरोपी ने राजस्थान हाई कोर्ट का रुख किया, जिसने CrPC की धारा 482 का इस्तेमाल करते हुए एफआईआर को निरस्त कर दिया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को गलत बताते हुए केस को बहाल कर दिया और आरोपी शिक्षक को अब निचली अदालत में मुकदमे का सामना करने का आदेश दिया।