लखनऊ। व्यापारियों के बीच चर्चित मोहित पांडेय की पुलिस हिरासत में हुई मौत ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है। इस घटना के बाद, पांडेय के परिजनों ने रविवार को धरना प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई।
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती ने भी इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठाई है, उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से पांडेय के परिवार के प्रति समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि लखनऊ में व्यापारी मोहित पांडेय की कथित तौर पर पुलिस हिरासत में हुई मौत से उनके परिवार और लोगों में रोष होना स्वाभाविक है। यह घटना अति-निन्दनीय है। सरकार को पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए। मायावती ने राज्य में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों पर भी चिंता व्यक्त की और सरकार से सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी इस पर टिप्पणी की, उन्होंने कहा कि लखनऊ में यूपी पुलिस ने दो युवकों को हिरासत में लिया और अगली सुबह एक की मौत हो गई। एक पखवाड़े में यूपी पुलिस की हिरासत में यह दूसरी मौत है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनके बेटे की हत्या कर दी। यूपी हिरासत में होने वाली मौतों के मामले में पूरे देश में पहले स्थान पर है। भाजपा ने ऐसा जंगलराज कायम किया है जहां पुलिस क्रूरता का पर्याय बन चुकी है। जहां कानून के रखवाले ही जान ले रहे हों, वहां जनता न्याय की उम्मीद किससे करे।
समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी प्रतिक्रिया दी, उन्होंने कहा कि राजधानी में पिछले 16 दिनों में पुलिस हिरासत में मौत का यह दूसरा मामला है। नाम बदलने में माहिर सरकार को अब ‘पुलिस हिरासत’ का नाम बदलकर ‘अत्याचार गृह’ रख देना चाहिए। पीड़ित परिवार की हर मांग पूरी की जाए, हम उनके साथ हैं।