सिद्धू की पत्नी नवजोत को कांग्रेस ने क्यों कर दिया निलंबित, क्या है वो 500 करोड़ वाला आरोप
कांग्रेस ने पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी डा. नवजोत कौर सिद्धू को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। उन्होंने दावा किया था कि कांग्रेस ने उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने के बदले 500 करोड़ रुपये मांगे थे। इसके बाद उन्होंने पंजाब कांग्रेस नेताओं पर टिकट बेचने और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए।
Congress Suspends Navjot Kaur: पंजाब कांग्रेस में सोमवार को बड़ा राजनीतिक तूफ़ान खड़ा हो गया, जब पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी डा. नवजोत कौर सिद्धू को पार्टी ने प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया। यह कार्रवाई उस विवादित बयान के बाद की गई, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि कांग्रेस ने उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने के बदले 500 करोड़ रुपये की मांग की थी।
निलंबन आदेश जारी, हाईकमान सख्त
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने नवजोत कौर का निलंबन आदेश जारी किया। इससे पहले पार्टी हाईकमान ने भी संकेत दिए थे कि उनकी लगातार की जा रही बयानबाज़ी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जांच के लिए चंडीगढ़ पहुंचे कांग्रेस सचिव और पंजाब इंचार्ज रविंद्र डालवी ने कहा कि पार्टी में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि डा. सिद्धू से स्पष्टीकरण मांगा गया था, जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि उन्होंने यह टिप्पणी कांग्रेस के लिए नहीं की थी।
टिकट के नाम पर भ्रष्टाचार का आरोप
निलंबन से कुछ घंटे पहले ही डा. नवजोत कौर ने पंजाब कांग्रेस नेतृत्व पर एक और बड़ा हमला बोला।
एक निजी चैनल से बातचीत में उन्होंने आरोप लगाया कि तरनतारन उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी करनबीर सिंह से टिकट के बदले राजा वडिंग ने 5 करोड़, प्रताप सिंह बाजवा ने 5 करोड़ लिए थे। उन्होंने कहा कि ये नेता पार्टी को भीतर ही भीतर कमजोर कर रहे हैं।
कांग्रेस का बेड़ा गर्क इन्हीं नेताओं ने किया - नवजोत कौर
डा. सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं पर एक के बाद एक गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा- बाजवा भाजपा से मिले हुए हैं। वडिंग मुख्यमंत्री भगवंत मान के करीबी हैं। रंधावा गैंग्स्टरों को संरक्षण देते रहे हैं। रंधावा ने राजस्थान में प्रभारी रहते हुए कांग्रेस को हरवाया। ये सभी खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, इसी वजह से पार्टी टूटी-फूटी हालत में है। उन्होंने कहा कि पंजाब कांग्रेस अब सत्ता में न सही, विपक्ष में भी प्रभावी भूमिका निभाने में नाकाम है।
राजनीतिक गलियारों में हलचल
नवजोत कौर सिद्धू के निलंबन के बाद पंजाब कांग्रेस में एक बार फिर आंतरिक कलह खुलकर सामने आ गई है। पार्टी हाईकमान ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए आगे की कार्रवाई पर नजर बनाए रखी है। वहीं, राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस विवाद के कारण कांग्रेस की छवि और संगठनात्मक मजबूती पर बड़ा असर पड़ेगा।
