Varanasi : कैथोलिक ईसाई समुदाय के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस के निधन(Pope Francis Death) पर वाराणसी के प्रमुख समाजसेवी गौरव राठी ने गहरा शोक व्यक्त किया है। विभिन्न धार्मिक, सामाजिक और चैरिटेबल संस्थाओं से जुड़े राठी ने पोप फ्रांसिस को शांति, करुणा और मानवता का प्रतीक बताते हुए उनके जीवन को समस्त मानव जाति के लिए प्रेरणास्रोत करार दिया।

गौरव राठी ने अपने बयान में कहा कि पोप फ्रांसिस ने अपने कार्यकाल में विश्वभर में प्रेम, भाईचारा और सहिष्णुता का संदेश दिया। उन्होंने विभिन्न धर्मों के बीच संवाद को प्रोत्साहित किया और गरीबों, वंचितों के अधिकारों की बुलंद आवाज बने। उनका निधन समस्त मानवता के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

उन्होंने आगे कहा कि वाराणसी की धार्मिक और सामाजिक संस्थाएं पोप फ्रांसिस की शिक्षाओं और मूल्यों को स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करती हैं। राठी ने पोप के कार्यों, विशेष रूप से सामाजिक न्याय, पर्यावरण संरक्षण और अंतरधार्मिक संवाद को बढ़ावा देने के प्रयासों की सराहना की।
पोप फ्रांसिस के निधन का विवरण :-
- निधन: पोप फ्रांसिस का निधन 21 अप्रैल 2025 को वेटिकन सिटी के कासा सांता मार्टा में सुबह 7:35 बजे (स्थानीय समय) हुआ। वे 88 वर्ष के थे।
- कारण: वे लंबे समय से बीमार थे, और हाल ही में डबल निमोनिया और किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे। 14 फरवरी 2025 को उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां वे 38 दिनों तक रहे।
- राजकीय शोक: भारत सरकार ने उनके सम्मान में 22 से 24 अप्रैल 2025 तक तीन दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और कोई आधिकारिक मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित नहीं होगा।
- वेटिकन में शोक: वेटिकन सिटी ने 9 दिनों के शोक की घोषणा की है और पोप के पार्थिव शरीर को सेंट पीटर्स बेसिलिका में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।
