वाराणसी I आठ साल पहले फेरी-पटरी, ठेला व्यवसायी संघ के सचिव प्रमोद निगम (Pramod Nigam) की हत्या के मामले में वाराणसी की कोर्ट ने दोषियों नंदलाल राय उर्फ बबलू और शेषनाथ शर्मा को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोनों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। कोर्ट ने इस क्रूर हत्याकांड को माफिया मुख्तार अंसारी के शूटरों से जोड़ा, जिन्होंने गंदगी फैलाने से रोकने पर प्रमोद की गोली मारकर हत्या की थी।
17 जनवरी 2017 को हुई थी हत्या
घटना 17 जनवरी 2017 की है, जब हुकुलगंज निवासी Pramod Nigam को इंग्लिशिया लाइन-मलदहिया मार्ग पर भारतीय शिक्षा मंदिर के पास दो हमलावरों ने गोली मार दी थी। अभियोजन के वकील विनय सिंह ने बताया कि प्रमोद ने जवाहर मार्केट के पास बबलू को सड़क पर शौच करने से रोका था, जिसके बाद विवाद हुआ। बबलू ने इसे अपमान मानकर अपने साथी शेषनाथ के साथ मिलकर प्रमोद की हत्या की साजिश रची और पिस्टल से गोली मार दी।
पुलिस ने किया था खुलासा
Pramod Nigam हत्याकांड के बाद चौक पुलिस और STF की संयुक्त टीम ने बेनियापार्क के पास दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में बबलू ने कबूल किया कि उसने प्रमोद और उनके बेटे अभिषेक को मारने की योजना बनाई थी। पुलिस ने घटना में इस्तेमाल दो लाख रुपये कीमत की पिस्टल भी बरामद की थी। बबलू गाजीपुर में माफिया मुख्तार अंसारी का खास शूटर माना जाता था और उसके खिलाफ पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज थे।
आठ साल बाद आया फैसला
मामले की सुनवाई आठ साल तक चली। गवाहों, चार्जशीट और साक्ष्यों के आधार पर जज ने दोनों आरोपियों को दोषी ठहराया। पिछली सुनवाई में लंबी बहस के बाद कोर्ट ने 15 अप्रैल को फैसले की तारीख तय की थी। सोमवार को जज ने दोनों को उम्रकैद और जुर्माने की सजा सुनाते हुए न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया।
Pramod Nigam Murder की वजह थी टॉयलेट विवाद
पुलिस जांच में सामने आया कि प्रमोद ने बबलू को सड़क पर शौच करने से टोका था, जिसे उसने अपमान माना। बबलू ने कबूल किया, “प्रमोद और उनके बेटे ने मुझे गालियां दीं और पीटा। टॉयलेट विवाद में सड़क पर मार खाने के बाद जीना बेकार लगा। इसलिए पिस्टल लेकर दोस्त को बुलाया और हत्या कर दी।” कोर्ट ने इस वारदात को क्रूर और सुनियोजित करार दिया।