प्रयागराज। गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र संगम तट पर बुधवार को नमामि गंगे अभियान के स्वयंसेवकों ने स्वच्छता अभियान चलाया। इस दौरान संगम के किनारों पर श्रद्धालुओं द्वारा छोड़े गए पुराने चित्र, मूर्तियां, माला-फूल, पॉलिथीन और अन्य कचरे को हटाया गया। अभियान के तहत नगर निगम के सहयोग से कचरे का निस्तारण भी किया गया।
नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक और नगर निगम के स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर राजेश शुक्ला के नेतृत्व में यह अभियान न केवल स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए था, बल्कि संगम तट की पवित्रता को बनाए रखने के उद्देश्य से जन जागरूकता अभियान भी चलाया गया।
राजेश शुक्ला ने कहा कि प्रयागराज का संगम न केवल तीन नदियों का मिलन स्थल है, बल्कि यह सनातन धर्म में आस्था रखने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की धार्मिक भावना का केंद्र भी है। लाखों श्रद्धालु यहां के निर्मल जल में आस्था की डुबकी लगाकर सनातन परंपरा का पालन करते हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि उनकी इस आस्था को बनाए रखें और संगम को स्वच्छ और निर्मल रखें। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि महाकुंभ 2025 के दौरान जब करोड़ों लोग संगम में स्नान करेंगे, तब नमामि गंगे के स्वयंसेवक नदियों की स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए तत्पर रहेंगे।
इस आयोजन में प्रमुख रूप से विनोद उपाध्याय, विकास जोशी, पूनम शुक्ला, सोनी उपाध्याय, खुशबू जोशी, सूर्यांशु शुक्ला और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। सभी ने संगम की स्वच्छता बनाए रखने के लिए सहयोग का संकल्प लिया।