प्रयागराज I संगम नगरी प्रयागराज के महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण बना है 151 फीट ऊंचा दुनिया का सबसे बड़ा त्रिशूल। इस अद्भुत त्रिशूल को इतने वैज्ञानिक और हाईटेक तरीके से तैयार किया गया है कि भूकंप या किसी अन्य प्राकृतिक आपदा के बावजूद इसे कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।
जूना अखाड़े के मौजगिरी आश्रम में स्थापित यह त्रिशूल सन्यासियों के शैव संप्रदाय की भक्ति और भगवान भोलेनाथ की आराधना का प्रतीक है। इसे 13 फरवरी 2019 को तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकार्पित किया था।
स्टील और अन्य धातुओं से बने इस त्रिशूल का कुल वजन 31 टन से अधिक है। इसे 80 फीट गहराई तक पाइलिंग करके स्थापित किया गया है ताकि यह स्थिर रहे। त्रिशूल के ऊपरी भाग पर एक विशालकाय डमरू भी लगाया गया है।
महाकुंभ में त्रिशूल के दर्शन का महत्व
जूना अखाड़े के संरक्षक महंत हरि गिरि और प्रवक्ता नारायण गिरि ने बताया कि यह त्रिशूल प्रयागराज का ही नहीं, बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा त्रिशूल है। श्रद्धालु महाकुंभ में इसके दर्शन कर भगवान भोलेनाथ की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।