प्रयागराज महाकुंभ में महाजाम का रिकॉर्ड, 300 किमी लंबी जाम की चपेट में श्रद्धालु

प्रयागराज। महाकुंभ 2025 ने न सिर्फ आस्था और भव्यता का नया आयाम स्थापित किया है, बल्कि अब यह भीषण जाम के रिकॉर्ड के लिए भी चर्चा में है। प्रयागराज इन दिनों दुनिया के सबसे ज्यादा जाम प्रभावित शहरों में शामिल हो गया है। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि 1-2 घंटे नहीं, बल्कि पिछले 72 घंटे से प्रयागराज और आसपास के मार्गों पर महाजाम लगा हुआ है।

300 किमी लंबा महाजाम, यात्री बेहाल
मध्य प्रदेश के सतना और कटनी बॉर्डर से लेकर प्रयागराज तक लगभग 300 किलोमीटर लंबा जाम देखने को मिल रहा है। महाकुंभ में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और ट्रैफिक दबाव के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। हालत यह है कि दिल्ली, कानपुर, बनारस और मध्य प्रदेश से आने वाले सभी मार्ग ठप हो चुके हैं, जिससे लाखों श्रद्धालु रास्ते में फंसे हुए हैं।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने की अपील
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, जो हाल ही में प्रयागराज महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे थे, ने श्रद्धालुओं के लिए बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने की अपील की है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लिखा कि रीवा, जबलपुर, कटनी और शिवनी जिलों तक श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और ट्रैफिक अवरोध उत्पन्न हो गया है।

सीएम मोहन यादव ने प्रशासन और नगरीय निकाय अधिकारियों को तुरंत भोजन, पानी, शौचालय और अन्य सुविधाओं का प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, उन्होंने श्रद्धालुओं से प्रशासन को सहयोग देने और धैर्य बनाए रखने की अपील की है।

प्रयागराज की स्थिति गंभीर, लोग लौटने लगे
भीषण जाम के कारण स्थानीय लोग स्कूल, अस्पताल और अन्य आवश्यक सेवाओं तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। श्रद्धालुओं को संगम पहुंचने में कई-कई घंटे लग रहे हैं। 2 किलोमीटर की दूरी तय करने में 10 घंटे लग रहे हैं, जिससे श्रद्धालुओं की परेशानी बढ़ गई है।

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जाम के चलते कई श्रद्धालु अब प्रयागराज लौटने लगे हैं। दिल्ली, कानपुर, बनारस और मध्य प्रदेश से आने वाली सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं। कई जगहों पर ट्रैफिक पूरी तरह से ठप हो चुका है। प्रशासन अब इस समस्या के समाधान में जुटा हुआ है, लेकिन सवाल यह है कि आने वाले दिनों में महाकुंभ में उमड़ने वाली और भारी भीड़ को देखते हुए क्या इस जाम से राहत मिल पाएगी?

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