Ragging in BHU: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में जूनियर MBBS छात्रों के साथ डिजिटल रैगिंग का पहला मामला सामने आया है। टेलीग्राम ऐप पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर 40 से अधिक जूनियर छात्रों को प्रताड़ित किया गया। 3 महीने की जांच के बाद चिकित्सा विज्ञान संस्थान (IMS) के 28 सीनियर छात्रों को रैगिंग का दोषी पाया गया। प्रत्येक पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया और हॉस्टल सुविधाएं निलंबित कर दी गईं। इसके अलावा, कृषि विज्ञान संस्थान के 16 BSC कृषि छात्रों पर भी रैगिंग के आरोप में समान कार्रवाई हुई।
आरोपित BHU मेडिकल छात्रों ने टेलीग्राम पर एंटी रैगिंग स्क्वाड के चेयरमैन के नाम से फर्जी प्रोफाइल बनाई थी। तीन से चार समूहों में वीडियो कॉल के जरिए जूनियर छात्रों से कपड़े उतरवाए गए, थप्पड़ मारने, कूलर में पानी भरवाने, कपड़े धुलवाने और डांस करवाने जैसे टास्क दिए गए। कुछ छात्रों को कमरे पर बुलाकर अनैतिक कार्य कराए गए और विरोध करने वालों को कक्षा से बहिष्कार की धमकी दी गई। यह सिलसिला तीन से चार महीने तक चला।
पीड़ित छात्रों की शिकायत पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने संज्ञान लिया और BHU के एंटी रैगिंग स्क्वाड ने जांच शुरू की। स्क्वाड की चेयरमैन प्रो. रायना सिंह ने कहा, “विश्वविद्यालय रैगिंग के खिलाफ सख्त है और ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई की जाएगी।” दोषी मेडिकल छात्रों के अभिभावकों को जुलाई के दूसरे सप्ताह में विश्वविद्यालय बुलाया गया है।
BHU कृषि विज्ञान संस्थान के 16 दोषी छात्रों ने 10 से अधिक जूनियर छात्रों को मैदान में बुलाकर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। उन्हें अपमानित किया गया और अनुचित गतिविधियों में शामिल होने का दबाव बनाया गया। BHU ने पिछले दो वर्षों में रैगिंग के तीन बड़े मामलों में कार्रवाई की है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट किया कि रैगिंग निषेध अधिनियम के तहत ऐसी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।