नई दिल्ली। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग के उस बयान की आलोचना की है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत सहित दुनिया की सभी मौजूदा सरकारें प्रमुख चुनाव हार चुकी हैं। वैष्णव ने इसे “तथ्यात्मक रूप से गलत” और “गंभीर रूप से निराशाजनक” बताते हुए कहा कि जुकरबर्ग जैसे बड़े उद्यमी को ऐसी भ्रामक जानकारी साझा करने से बचना चाहिए।
मार्क जुकरबर्ग ने पॉडकास्टर जो रोगन के एक शो में कहा था कि 2024 एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। भारत जैसे कई देशों में सत्ताधारी पार्टियों ने चुनावों में हार का सामना किया। वैश्विक स्तर पर आर्थिक नीतियों और कोरोना महामारी के प्रभाव ने सत्ताधारी दलों के प्रति विश्वास को कम कर दिया है।
रेल मंत्री ने जुकरबर्ग के इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि 2024 में भारत की जनता ने एक बार फिर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर भरोसा जताते हुए भारतीय जनता पार्टी को भारी बहुमत से तीसरी बार केंद्र में सत्ता सौंपी। उन्होंने कहा कि 640 मिलियन से अधिक लोगों ने एनडीए पर विश्वास किया और मोदी सरकार ने अपने रिकॉर्ड प्रदर्शन के दम पर चुनाव जीता।
कोरोना महामारी के दौरान मोदी सरकार द्वारा किए गए प्रयासों का उल्लेख करते हुए वैष्णव ने कहा कि महामारी के समय में 800 मिलियन लोगों को मुफ्त भोजन, 2.2 मिलियन लोगों को मुफ्त टीकाकरण और वैश्विक स्तर पर सहायता प्रदान करने जैसे कदम उठाए गए। उन्होंने भारत की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को भी सरकार की बड़ी उपलब्धि बताया।
अश्विनी वैष्णव ने मेटा सीईओ को तथ्यों की विश्वसनीयता पर ध्यान देने की नसीहत देते हुए कहा कि गलत सूचनाओं को प्रसारित करते देखना निराशाजनक है, खासकर जब यह वैश्विक प्रभाव रखने वाले किसी प्रमुख व्यक्ति द्वारा हो। भारत की सत्ताधारी पार्टी ने न केवल चुनाव जीता, बल्कि जनता का अटूट विश्वास भी हासिल किया है।
