Raisina Dialogue: वैश्विक चुनौतियों व संकटों पर रायसिना संवाद

Raisina Dialogue: संवाद मानव सभ्यता का एक अभिन्न अंग है l संवाद के सहारे मनुष्य व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय आदि जरूरतों, समस्याओं, भविष्य की योजनाओं के लिए तैयारी करता है l कोई मनुष्य चाहे जितना भी बौद्धिक क्षमता से परिपूर्ण हो परंतु उसकी एक सीमा होती है जिसके आगे की राह अकेले दम पर पूरा करना असंभव हो जाता है l

WhatsApp Channel Join Now
Instagram Profile Join Now

विलक्षण व्यक्ति भी सामूहिक चेतना, सामूहिक विवेक और साझा मान्यताओं के समक्ष बौना प्रतीत होता है l जब किसी मंच पर विभिन्न बौद्धिक क्षमता वाले, विषमरूप, बहुजातीय, भिन्न आर्थिक, सामाजिक परिवेश वाले लोग आपसी संवाद करते हैं तो ज्ञान विज्ञान के नए आयाम स्थापित होते हैं। समाज को बहुत से अनछुए पहलुओं के बारे में जानकारी मिलती है और नवोनमेषी आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक वैज्ञानिक विकास यात्रा शुरू होती है जो सर्वग्राही, सर्वस्पर्शी, समावेशी होकर भूआर्थिक, भुराजनीतिक रूप से मानव जाति के लिए सुरक्षा, शांति, सद्भाव और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है l

Raisina Dialogue: वैश्विक चुनौतियों व संकटों पर रायसिना संवाद Raisina Dialogue: वैश्विक चुनौतियों व संकटों पर रायसिना संवाद

लोकतंत्रीय व्यवस्था में देश के सदन संवाद के लिए एक बड़े मंच होते हैं जहां पर नीति निर्धारक संवाद करते हैं और अपने अपने देश के लिए नीति निर्माण करते हैं l परंतु वहाँ होनेवाले ज्यादा संवाद राजनीतिक विमर्श के वशीभूत होते हैं और स्थानीय मुद्दों पर केंद्रित होते हैं l

दुनिया को कुछ ऐसे मंच की जरूरत है जहां पर पूरी दुनिया के विभिन्न परिवेशों और क्षेत्रों के विशेषज्ञ बिना किसी पूर्वाग्रह और दुराग्रह के एक साथ बैठकर विचार मंथन करके ज्ञानरूपी अमृत दुनिया के सामने प्रस्तुत करते है जोकि समस्त मानवजाति के लिए हितकारी होता है l 1 मार्च 2016 को शुरू की गई रायसिना संवाद ( Raisina Dialogue ) एक ऐसा ही मंच है जहां पर विश्व के विभिन्न देशों से आए हुए महान विभूतियाँ भू राजनीति और भू अर्थशास्त्र पर चर्चा करते हैं और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के समक्ष आनेवाले सबसे चुनौतीपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने के लिए मार्ग दर्शाते है l 3 दिवसीय रायसिना संवाद नई दिल्ली में 19 मार्च को सम्पन्न हुआ है l

विदेश मंत्रालय, भारत सरकार और अब्ज़र्वर रिसर्च फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से दिल्ली मे आयोजित होने वाला Raisina Dialogue एक बहुपक्षीय सम्मेलन है जिसमे वैश्विक नेताओं, नीति निर्माताओं, विचारकों और विशेषज्ञों के बीच संवाद और विमर्श होता है जिसका उद्देश्य भू-राजनीतिक( Geopolitical ) और भू-आर्थिक( Geo-economic ) पर चर्चा करके वर्तमान और भविष्य के लिए मार्ग बताना होता है l इसका प्रमुख उद्देश्य निम्न है :

  • वैश्विक चुनौतियों और संकटों पर चर्चा
  • विभिन्न देशों के बीच कूटनीतिक संवाद को मजबूत बनाना
  • वैश्विक आर्थिक और सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर विचार विमर्श
  • उभरती प्रौद्योगिकी और उनके प्रभावों पर चर्चा
  • जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और साइबर सुरक्षा जैसे विषयों पर समाधान ढूँढना

    Raisina Dialogue की शुरूआत सन 2016 मे हुई थी l इसकी स्थापना का विचार वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका को मजबूत करने और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की नीति और दृष्टिकोण को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करने के उद्देश्य से किया गया था l अपनी स्थापना के बाद से अबतक हुए संवाद के इतिहास को नीचे टेबल मे बताया गया है :

    क्रम संख्या वर्ष अवधि टॉपिक
    120161-3 मार्चAsia – Regional and Global Connectivity
    2201717-19 जनवरीThe New Normal – Multilateralism with Multipolarity
    3201816-18 जनवरीManaging Disruptive Transition
    420198-10 जनवरीA world Reorder : New Geomatrics, Fluid Parternerships, Uncertain Outcomes   
    5202014-16 जनवरीNavigating the Ahpha Century
    6202113-16 अप्रैल ( Covid के कारण आभाषी रूप से )Viral World : Outbreaks, Outliers and Out of Control
    7202225-27 अप्रैलTerra Nova : Impassioned, Impatient, Imperilled
    820232-4 मार्चNeo Insurgence : Amoral Mosaic,Chaotic Codes, Pernicious Passport and Grey Rhinos
    9202421-23 फ़रवरीChaturanga : Conflict, Contest, Co operate, Create  
    10202517-19 मार्चKalchakra : People, Peace and Planet  

    अभी तक सम्पन्न हुए आयोजन के लिए चयनित विषयों को ध्यान से देखने से यह स्पष्ट होता है कि Raisina Dialogue के प्रमुख विषयों मे मुख्य रूप से सुरक्षा और रणनीतिक सहयोग, आर्थिक विकास और व्यापार, प्रौद्वौगिकी और नवाचार, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण, स्वास्थ्य और महामारी जैसे ज्वलंत मुद्दों उच्चस्तरीय सहभागिता होती है जिसमे विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्ष, प्रधान मंत्री, विदेश मंत्री और वैश्विक संगठनों के प्रमुख भाग लेते हैं l

    यह एक खुले मंच का संवाद है जिसमें सरकारी अधिकारियों के अतिरिक्त निजी क्षेत्र के विशेषज्ञ, शिक्षाविद और पत्रकार भी शामिल होते हैं l युवा नेताओं को वैश्विक दृष्टिकोण मिलता है l

    प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की प्रगतिशील सोच के अंतर्गत शुरू की गई इस परंपरा ने भारत को वैश्विक कूटनीति मे नेतृत्व की स्थिति मे आने का अवसर प्रदान किया है l भारत विभिन्न देशों के साथ आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी को विस्तृत कर सका है l संवाद (Raisina Dialogue) के दौरान प्राप्त जानकारी और सलाह को भारत अपनी विदेश नीति में भी यथायोग्य स्थान देकर अपने आप को उभरती हुई शक्ति के रूप में प्रस्तुत करता है l इसमें अमेरिका, रूस, चीन, जापान, जर्मनी, फ़्रांस, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीकी देशों सहित प्रमुख वैश्विक शक्तियों की भागीदारी से यह संवाद एक महत्वपूर्ण मंच बन चुका है l

    भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के नेतृत्व में रायसिना संवाद (Raisina Dialogue) को अब्ज़र्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF), जोकि भारत का एक प्रमुख थिंक टँक है, आयोजित करता है l ORF की स्थापना 1990 मे हुयी थी जिस समय भारत की अर्थव्यवस्था को उदारीकरण के माध्यम से वैश्विक अर्थव्यवस्था से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो रही थी l

    ORF ने शुरुआत मे भारत की आंतरिक आर्थिक और राजनीतिक स्थितियों पर ध्यान केंद्रित किया जिसे बाद मे विस्तार देकर वैश्विक स्तर तक ले जाया गया l ORF एक गैर लाभकारी संगठन है जिसके वित्त का श्रोत दान, अनुदान और सहयोग है जिसमे रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड से मिलने वाली सहायता सबसे प्रमुख है l इसके अतिरिक्त अन्य कॉर्पोरेट संस्थान जैसे टाटा समूह, अदानी समूह, महिंद्रा एण्ड महिंद्रा आदि वित्तीय संरक्षण प्रदान करते है l सरकारी अनुदान, व्यक्तिगत दान सम्मेलन और कार्यशालाओं से भी ORF को आय होती है l

    अपने 9 वर्ष की छोटी सी यात्रा से रायसिना संवाद (Raisina Dialogue) वैश्विक स्तर पर Munich Security Confrence और Shangri- La डैलॉग के समकक्ष स्थापित हो चुका है और अपने उदेश्य को सफलतापूर्वक हासिल कर रहा है l प्रत्येक वर्ष मजबूती से आगे बढ़ते हुए भारत की शक्ति से दुनिया को परिचित कराते हुए अपने देश को वैश्विक प्रतिष्ठा सुलभ करवा रहा है।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *