भोपाल। मध्य प्रदेश के इंदौर जिले की महू छावनी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार (29 दिसंबर 2024) को सैन्यकर्मियों को संबोधित करते हुए भारत की सुरक्षा चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत सुरक्षा के मामले में “बहुत भाग्यशाली नहीं” है और देश को उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर निरंतर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
महू छावनी में स्थित ‘आर्मी वॉर कॉलेज’, ‘मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग’ और ‘इन्फैंट्री स्कूल’ जैसे प्रतिष्ठित सैन्य प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि आंतरिक मोर्चे पर भी हमें असुरक्षा का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में हमें सतर्क रहते हुए आंतरिक और बाहरी दुश्मनों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखनी होगी और समय रहते प्रभावी कदम उठाने होंगे।
रक्षा मंत्री ने देश को 2047 तक आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनाने के लिए सेना की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि देश के रक्षा मंत्री के रूप में मैं यह कहना चाहता हूं कि सतर्कता और अनुशासन हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। जिस तरह आप यहां प्रशिक्षण ले रहे हैं, वह किसी युद्ध से कम नहीं है।
सिंह ने सैन्य प्रतिष्ठानों में अनुशासन और स्वच्छता की सराहना करते हुए कहा कि सैन्यकर्मियों की समर्पण भावना प्रेरणादायी है। उन्होंने कहा कि आपकी लगन और जिम्मेदारी की भावना न केवल प्रशंसनीय है, बल्कि यह हमें भी प्रेरित करती है।
महू दौरे के दौरान रक्षा मंत्री ने थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के साथ डॉ. बी.आर. अंबेडकर के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। यह स्मारक महू छावनी के काली पलटन इलाके में डॉ. अंबेडकर के जन्मस्थान पर स्थित है।
राजनाथ सिंह का यह दौरा सेना के समर्पण और भारत की सुरक्षा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को मजबूत करने का प्रतीक रहा।