अयोध्या I अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के प्रथम चरण का कार्य पूरा होने के बाद अब दूसरे चरण का कार्य तेजी से चल रहा है। हाल ही में श्रीराम मंदिर निर्माण समिति की एक बैठक अयोध्या में हुई, जिसमें निर्माण कार्य का निरीक्षण किया गया और महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस बैठक में यह तय किया गया कि मंदिर के प्रथम तल पर कुछ कमजोर पत्थरों को हटाकर उनकी जगह मकराना के पत्थर लगाए जाएंगे, ताकि निर्माण की गुणवत्ता उच्चतम स्तर की रहे।
श्रीराम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि निर्माणाधीन मंदिर के प्रथम तल पर कुछ पत्थरों की मोटाई तय मानकों के अनुसार नहीं है और उनमें कमजोरी पाई गई है। इन पत्थरों को हटाकर उनकी जगह मकराना के मजबूत पत्थर लगाए जाएंगे। इसके लिए समिति ने निर्देश जारी कर दिए हैं और जल्द ही इस कार्य को शुरू किया जाएगा।
मिश्र ने मंदिर परिसर में सप्त मंदिर के निर्माण की जानकारी भी दी। सप्त मंदिर में पहला मंदिर महर्षि वाल्मीकि का होगा, जो राम भक्तों के लिए महत्वपूर्ण स्थान है। सप्त मंदिरों के बीच एक छोटा सरोवर बनाया जाएगा, जिससे मंदिर में आने वाले श्रद्धालु आचमन कर सप्त मंदिर के दर्शन कर सकेंगे। इस सरोवर का निर्माण एक आध्यात्मिक वातावरण बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि श्रीराम मंदिर निर्माण समिति प्रत्येक महीने अयोध्या में निर्माण कार्य की प्रगति का निरीक्षण और समीक्षा करती है। इस बैठक में कार्यदायी संस्था के साथ-साथ निर्माण से जुड़े सभी पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श किया जाता है।