भारत के दिग्गज स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने इंटरनेशनल क्रिकेट से अपने संन्यास की घोषणा कर दी है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ब्रिसबेन टेस्ट बारिश के कारण ड्रॉ घोषित किए जाने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में अश्विन ने यह महत्वपूर्ण एलान किया। उन्होंने बताया कि यह उनका इंटरनेशनल क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में आखिरी दिन है। अश्विन ने अपने करियर में 700 से अधिक विकेट लेकर भारतीय क्रिकेट को एक नई पहचान दिलाई है।
अश्विन ने कहा, “यह इंटरनेशनल क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में एक भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी के रूप में मेरा आखिरी दिन है। मुझे लगता है कि मेरे अंदर अब भी क्रिकेटर का अंश बाकी है, लेकिन अब मेरी स्किल्स क्लब-लेवल क्रिकेट में दिखाई देंगी। मुझे इस लंबे सफर में बहुत मजा आया और मैंने रोहित शर्मा और अन्य सभी साथियों के साथ बेहतरीन यादें साझा की।”
अश्विन ने 2010 में जिम्बाब्वे के खिलाफ टी20 मैच से इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा था। उन्होंने 14 साल में 287 मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और कुल 765 विकेट हासिल किए। वह अनिल कुंबले के बाद सबसे अधिक विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज हैं, जिनके पास 956 विकेट का रिकॉर्ड है।
अश्विन ने एक ऑलराउंडर के रूप में भी अपनी पहचान बनाई, जहां उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 6 शतक और 14 फिफ्टी सहित 3,503 रन बनाए। उनका ऐतिहासिक करियर 14 सालों तक चला, जिसमें उन्होंने 765 विकेट के साथ-साथ 4394 रन भी बनाए। उनका आखिरी मैच ऑस्ट्रेलिया में एडिलेड पिंक बॉल टेस्ट था, जहां उन्होंने 29 रन बनाकर एक विकेट लिया।
अश्विन के संन्यास के साथ ही भारतीय क्रिकेट ने एक और महान खिलाड़ी को खो दिया है, लेकिन उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।