RBI का तोहफा: रेपो रेट 5.5% पर पहुंचा, EMI में मिलेगी राहत; तीसरी बार लगातार ब्याज दरों में कटौती

मुंबई I भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद रेपो रेट में 50 आधार अंकों की कटौती का ऐलान किया। इसके साथ ही रेपो रेट 6% से घटकर 5.5% हो गई है, जो तीन साल के निम्नतम स्तर पर पहुंच गई है। यह कोविड-19 के बाद पहली बार है जब RBI ने लगातार तीसरी बार ब्याज दरों में कटौती की है। इस फैसले से होम, ऑटो और कॉर्पोरेट लोन लेने वालों को राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि बैंकों द्वारा ब्याज दरों में कटौती के बाद आपकी EMI कम हो सकती है।

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, “विकसित हो रहे व्यापक आर्थिक और वित्तीय परिदृश्य के आधार पर MPC ने रेपो रेट में 50 आधार अंकों की कटौती का फैसला किया है।” फरवरी 2025 से अब तक रेपो रेट में कुल 100 आधार अंकों की कटौती हो चुकी है। हालांकि, गवर्नर ने बताया कि विकास को समर्थन देने के लिए अब सीमित गुंजाइश बची है। MPC ने अपने रुख को ‘अकोमोडेटिव’ से बदलकर ‘तटस्थ’ कर दिया है।

WhatsApp Channel Join Now
Instagram Profile Join Now
Ad

GDP और महंगाई के अनुमान

RBI ने चालू वित्त वर्ष के लिए GDP वृद्धि का अनुमान 6.5% पर बरकरार रखा है। वहीं, अच्छे मानसून की उम्मीदों के चलते मुद्रास्फीति का अनुमान 4% से घटाकर 3.7% कर दिया गया है। मल्होत्रा ने कहा कि यह कटौती आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी।

रेपो रेट क्या है?

रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर RBI बैंकों को उधार देता है। रेपो रेट में कटौती से बैंकों के लिए उधार लेना सस्ता होता है, जिसका फायदा ग्राहकों को कम ब्याज दरों पर लोन के रूप में मिल सकता है।

Ad 1

आपकी EMI पर क्या असर पड़ेगा?

उदाहरण के लिए, यदि आपके पास 20 लाख रुपये का होम लोन है, जिसकी अवधि 20 वर्ष (240 महीने) है, तो रेपो रेट में कटौती का असर इस प्रकार होगा:

पुरानी ब्याज दर (8%) पर EMI:

मूलधन: 20,00,000 रुपये

ब्याज दर: 8% (0.006667/माह)

EMI: 16,729 रुपये

Ad 2

नई ब्याज दर (7.5%) पर EMI:

मूलधन: 20,00,000 रुपये

ब्याज दर: 7.5% (0.00625/माह)

EMI: 16,138 रुपये

EMI में कमी: 16,729 – 16,138 = 591 रुपये प्रति माह

Ad 3

इस तरह, रेपो रेट में कटौती से आपकी मासिक EMI में करीब 591 रुपये की बचत हो सकती है, बशर्ते बैंक अपनी ब्याज दरों में कमी करें।

बैंकों पर निर्भर है राहत

RBI के इस फैसले के बाद अब बैंकों की बारी है कि वे अपनी ब्याज दरों में कटौती करें, ताकि ग्राहकों को सस्ते लोन और कम EMI का लाभ मिल सके। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कटौती से आवास और ऑटो लोन की मांग बढ़ सकती है, जिससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *