RBI के नए नियम से सोने पर लोन लेना अब और आसान, Muthoot-Manappuram-IIFL के शेयरों में उछाल

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के एक अहम ऐलान के बाद शुक्रवार को गोल्ड लोन देने वाली बड़ी कंपनियों– Muthoot Finance, Manappuram Finance और IIFL Finance के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखी गई। इन कंपनियों के शेयरों में करीब 8% तक का उछाल आया। इसकी सबसे बड़ी वजह RBI द्वारा गोल्ड लोन की वैल्यू लिमिट में बढ़ोतरी का फैसला रहा।

अब ज्यादा लोन मिलेगा सोने के बदले

RBI ने यह घोषणा की कि अब 2.5 लाख रुपये तक के गोल्ड लोन पर लोन-टू-वैल्यू (LTV) रेशियो 75% से बढ़ाकर 85% कर दिया गया है। यानी अगर आपके पास 1 लाख रुपये का सोना है, तो पहले आपको अधिकतम 75,000 रुपये तक का लोन मिल सकता था, लेकिन अब वही लोन 85,000 रुपये तक मिलेगा। इससे आम लोगों के लिए लोन लेना आसान हो जाएगा और उन्हें ज्यादा रकम मिलेगी।

शेयर बाजार में दिखा असर

RBI के इस फैसले का असर शेयर बाजार में भी साफ नजर आया। शुक्रवार दोपहर तक:

  • Muthoot Finance का शेयर 6.34% की तेजी के साथ ₹2,438.35 तक पहुंच गया और दिन में ₹2,470.25 का रिकॉर्ड स्तर छू लिया।
  • Manappuram Finance 3.99% की बढ़त के साथ ₹243.75 पर पहुंचा।
  • IIFL Finance में भी 4.77% की छलांग लगकर यह ₹449.30 पर ट्रेड कर रहा था।

वहीं, इसी दौरान BSE Sensex सिर्फ 0.79% की बढ़त के साथ 82,083.9 पर था, जो दर्शाता है कि गोल्ड फाइनेंस कंपनियों के शेयरों में बाजार की तुलना में कहीं ज्यादा उत्साह दिखा।

क्या है RBI की आगे की योजना?

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने जानकारी दी कि गोल्ड लोन से जुड़े नए दिशा-निर्देश 6 जून से लागू किए जाएंगे, और यदि कोई तकनीकी अड़चन आती है तो 9 जून तक ये नए नियम प्रभावी हो जाएंगे। ये बदलाव केवल लोन लेने वालों के लिए ही नहीं, बल्कि गोल्ड लोन कारोबार में लगी कंपनियों के लिए भी बहुत लाभदायक होंगे।

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अप्रैल में आई थी ड्राफ्ट गाइडलाइन

RBI ने अप्रैल 2025 में गोल्ड लोन पर एक मसौदा रेगुलेटरी ढांचा (Draft Regulatory Framework) पेश किया था, जिसका उद्देश्य सभी प्रकार के लेंडर्स — बैंक, एनबीएफसी, कोऑपरेटिव बैंक और ग्रामीण बैंक — के लिए एक समान नियम तय करना था।

ड्राफ्ट के प्रमुख बिंदु:

  • सभी लेंडर्स को गोल्ड लोन से जुड़े नियम अपनी क्रेडिट पॉलिसी में शामिल करने होंगे।
  • सोने की शुद्धता और मूल्यांकन के लिए एक तय मानक प्रक्रिया अपनानी होगी।
  • लोन की राशि का उपयोग किस उद्देश्य से हो रहा है, इसकी निगरानी जरूरी होगी।
  • लोन का रिन्यू या टॉप-अप तभी मिलेगा जब पिछला लोन स्टैंडर्ड कैटेगरी में हो।
  • लोन देने से पहले उधारकर्ता की भुगतान क्षमता का पूरी तरह मूल्यांकन करना होगा।

निवेशकों के लिए क्या है इसका मतलब?

RBI के इस फैसले ने गोल्ड लोन सेक्टर की कंपनियों के लिए एक सकारात्मक माहौल बनाया है। ज्यादा LTV लिमिट के चलते ज्यादा ग्राहक गोल्ड लोन लेने को प्रेरित होंगे, जिससे इन कंपनियों के कारोबार में वृद्धि की संभावना है। यही कारण है कि निवेशकों ने इसे एक बड़े मौके के रूप में देखा और इन कंपनियों के शेयरों में जमकर खरीदारी की।

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