RTE एडमिशन में घूस मांगने पर BSA ने स्कूल प्रिंसिपल पर लगाया ₹60,000 का जुर्माना, जांच के बाद कार्रवाई

वाराणसी। RTE (अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009) के तहत निशुल्क शिक्षा के प्रावधान के बावजूद फीस वसूलने पर वाराणसी के सिल्वर ग्रो स्कूल पर बड़ी कार्रवाई हुई है। जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) डॉ. अरविंद पाठक ने स्कूल के प्रबंधक व प्रधानाचार्य पर ₹60,000 का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई महेशपुर, इंडस्ट्रियल स्टेट निवासी बलेंद्र कुमार सिंह की शिकायत पर की गई।

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बलेंद्र कुमार ने आरोप लगाया था कि उनकी बेटी का RTE के तहत सिल्वर ग्रो स्कूल में नामांकन हुआ था, जहां स्कूल प्रबंधन ने ₹4500 फीस ली थी। इस वर्ष जब उनकी दूसरी बेटी का भी नाम इस योजना में आया, तो स्कूल ने ₹6000 की मांग की। जबकि RTE योजना के अंतर्गत प्रवेश और पढ़ाई पूरी तरह से निशुल्क होती है।

शिकायत के साथ दिया वीडियो सबूत

बलेंद्र ने BSA कार्यालय और आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने फीस की मांग से जुड़ा एक वीडियो भी सबूत के तौर पर संलग्न किया। जांच में वीडियो और शिकायत सही पाई गई।

जांच में सही पाए गए आरोप, 10 गुना जुर्माना

BSA डॉ. अरविंद पाठक ने बताया कि नियमों के अनुसार, RTE के तहत बच्चों से कोई शुल्क नहीं लिया जा सकता। शिकायत और वीडियो की जांच के बाद साफ हुआ कि स्कूल प्रशासन ने पहले ₹4500 और फिर ₹6000 की मांग की थी। RTE नियमों के अनुसार, अवैध रूप से ली गई राशि पर 10 गुना जुर्माना लगाया जाता है। इस आधार पर ₹60,000 का जुर्माना लगाया गया है, जिसे सरकारी कोषागार में जमा करना होगा।

विद्यालय की मान्यता पर संकट

BSA ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में ऐसी कोई और शिकायत मिलती है तो विद्यालय की मान्यता समाप्त कर दी जाएगी। इस कार्रवाई के बाद शिक्षा जगत में हड़कंप मच गया है।

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