New Delhi : अंतरराष्ट्रीय बाजार में Dollar की मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के दबाव में भारतीय रुपया आज अमेरिकी Dollar के मुकाबले 14 पैसे टूटकर 86.30 (अनंतिम) पर बंद हुआ। शुक्रवार को यह 86.16 पर बंद हुआ था।
इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में सोमवार को रुपये की शुरुआत ही कमजोरी के साथ 86.22 रुपये प्रति डॉलर पर हुई। कारोबार के शुरुआती घंटों में विदेशी निवेशकों (FII) की बिकवाली ने रुपये पर दबाव बढ़ाया, जिससे यह 20 पैसे टूटकर 86.36 तक लुढ़क गया।

हालांकि बाद में एफआईआई द्वारा शेयर बाजार में लिवाली बढ़ाए जाने से डॉलर की आपूर्ति बढ़ी और रुपया 17 पैसे की रिकवरी करते हुए 86.19 के स्तर तक पहुंच गया। लेकिन दिन के अंतिम सत्र में दोबारा बिकवाली लौटने से डॉलर मजबूत हुआ और अंततः रुपया 14 पैसे की गिरावट के साथ 86.30 पर बंद हुआ।
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि Dollar की मांग में बढ़ोतरी और एफआईआई की निकासी ने भारतीय मुद्रा को कमजोर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के वायदा भाव में तेजी ने भी रुपये पर दबाव डाला।

दूसरी मुद्राओं के मुकाबले भी कमजोर
- रुपया केवल डॉलर ही नहीं, अन्य प्रमुख वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले भी कमजोर रहा।
- ब्रिटिश पाउंड (GBP) के मुकाबले रुपया 33 पैसे गिरकर 116.14 पर आ गया।
- यूरो के मुकाबले 25 पैसे टूटकर 100.48 के स्तर पर बंद हुआ।

मुद्रा बाजार विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले दिनों में रुपये की चाल पूरी तरह विदेशी निवेश प्रवाह, कच्चे तेल की कीमतों और डॉलर इंडेक्स की दिशा पर निर्भर करेगी। अगर Dollar Index मजबूत बना रहा और तेल की कीमतों में बढ़ोतरी जारी रही, तो रुपये पर और दबाव पड़ सकता है।


वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों, विशेष रूप से Dollar की मजबूती और तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, घरेलू मुद्रा को प्रभावित कर रहे हैं। निवेशकों और आयातकों को आने वाले दिनों में रुपये की चाल पर नजर रखने की जरूरत है।