वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के अकादमिक सेल द्वारा समाज कार्य शिक्षकों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ शुक्रवार को हुआ। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय सामाजिक रक्षा संस्थान, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अनुदानित है।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने की। उन्होंने कहा कि समाज में व्याप्त बुराइयां इसके स्वस्थ स्वरूप को बिगाड़ रही हैं। इसलिए सामाजिक कार्यकर्ताओं को समाज की जटिल समस्याओं को समझकर उनके समाधान के लिए नए दृष्टिकोण को अपनाने की जरूरत है। उन्होंने समानता, सामाजिक न्याय और वंचित वर्गों को मुख्यधारा में लाने पर विशेष ध्यान देने की बात कही।

समाज कार्य विभाग के अध्यक्ष एवं विशिष्ट अतिथि प्रो. एम.एम. वर्मा ने सामाजिक न्याय और सामाजिक रक्षा की आवश्यकता व उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम संयोजक एवं अकादमिक सेल के निदेशक डॉ. संदीप गिरि ने बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम ड्रग्स सेवन, मानव तस्करी, भिक्षावृत्ति, बाल वेश्यावृत्ति और मानव अंग व्यापार जैसे गंभीर मुद्दों पर केंद्रित रहेगा।

गुड़िया संस्थान के गोपाल कृष्ण ने मानव तस्करी के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि हर साल एक करोड़ लोग इस अपराध के शिकार होते हैं, लेकिन केवल 40% मामलों में ही एफआईआर दर्ज हो पाती है। उन्होंने कहा कि संगठित अपराध और मानव तस्करी जैसी समस्याओं को नए दृष्टिकोण से समझने की जरूरत है।
डॉ. भानूजा शरण लाल** (मानव संसाधन एवं महिला विकास संस्थान, लहरतारा) ने मानव तस्करी के सामाजिक, आर्थिक और कानूनी पहलुओं पर चर्चा की। वहीं, प्रो. बी.डी. पांडेय (समाज कार्य विभाग) ने बच्चों के अधिकारों के संरक्षण में सामुदायिक सहभागिता के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गरीबी, कुपोषण, दूषित जल, आवासहीनता और बाल हिंसा जैसी समस्याएं बच्चों के विकास में बाधक हैं, जिन्हें दूर करने के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम का संचालन प्रेस क्लब अध्यक्ष अरुण मिश्र ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन प्रो. निमिषा गुप्ता (समाज कार्य विभाग) ने किया। कार्यक्रम के दौरान कई सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षाविद और शोधार्थी मौजूद रहे।