जौनपुर। उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में समाजवादी पार्टी की मछलीशहर विधायक डॉ. रागिनी सोनकर ने प्रदेश सरकार को आर्थिक मुद्दों पर घेरते हुए वन ट्रिलियन इकॉनमी के दावे पर सवाल उठाए। उन्होंने आंकड़ों के साथ सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि “आज देश में आर्थिक असमानता चरम पर है और सरकार केवल जुमलेबाजी कर रही है।”
सरकारी राशन पर निर्भर 60 करोड़ लोग
विधानसभा में डॉ. रागिनी सोनकर ने सरकार की आर्थिक नीतियों पर तीखा हमला करते हुए कहा कि देश में 60 करोड़ लोग सरकारी राशन पर निर्भर हो चुके हैं और हर साल 6 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आर्थिक असमानता में भारत ‘विश्वगुरु’ बन चुका है, जहां अमीर और अमीर होता जा रहा है और गरीब और गरीब।
उन्होंने भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 2010-11 में मिडिल क्लास की सेविंग जीएसडीपी का 50% थी, जो अब गिरकर 5.1% पर आ गई है। उन्होंने दावा किया कि मध्यम वर्ग और गरीबों की जेब में पैसा नहीं बचा है।
महिलाओं की नौकरियां घटीं, रोजगार संकट गहराया
महिलाओं के रोजगार पर चिंता जताते हुए डॉ. सोनकर ने कहा कि 2010-11 में नियमित वेतनभोगी महिलाओं की संख्या 22% थी, जो अब गिरकर 16% रह गई है। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार महिला सशक्तिकरण की बात करती है, लेकिन रोजगार की स्थिति लगातार बिगड़ रही है।
वन ट्रिलियन इकॉनमी एक सपना
उन्होंने सरकार के वन ट्रिलियन इकॉनमी के दावे को ‘कोरी कल्पना’ बताते हुए कहा कि अगर यूपी को यह लक्ष्य हासिल करना है तो उसे 20% की आर्थिक वृद्धि दर चाहिए, लेकिन अभी तक यह 10% तक ही पहुंच पाया है। उन्होंने सीधा सवाल किया कि जब 2017 से 2025 तक सरकार यह लक्ष्य हासिल नहीं कर पाई, तो आगे आने वाले वर्षों में इसे कैसे पूरा किया जाएगा?
सरकार से पूछा – गरीबों को ऊपर उठाने की क्या नीति है?
विधायक डॉ. रागिनी सोनकर ने सरकार से सवाल किया कि क्या सरकार गरीबी रेखा के नीचे जा रहे लोगों के उत्थान के लिए कोई नई नीति लाने जा रही है? उन्होंने कहा कि एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट को 4 गुना, इंडस्ट्री डिपार्टमेंट को साढ़े 3 गुना और एम्प्लॉयमेंट ग्रोथ को 4 गुना बढ़ाना होगा, लेकिन सरकार के पास इसके लिए कोई ठोस योजना नहीं है।