
महाकुंभ से बनारस ग्लोबल टाइम्स के आदर्श सिंह, देवेंद्र प्रताप, यश उपाध्याय,अनीश दुबे व प्रियांशु सिंह की विशेष रिपोर्ट
फोटोग्राफी:: देवेन्द्र प्रताप
प्रयागराज में आयोजित हो रहे विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन, महाकुंभ 2025, में साधु-संतों से लेकर करोड़ों श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ रहा है। अनुमान है कि इस बार महाकुंभ में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम तट पर पवित्र डुबकी लगाने के लिए एकत्र होंगे। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सरकार और प्रशासन ने सुरक्षा और प्रबंधन के उच्चतम मानकों का पालन किया है। बनारस ग्लोबल टाइम्स की टीम भी इस ऐतिहासिक आयोजन में शामिल होकर मेले की तैयारियों और व्यवस्थाओं को जानने पहुंची। इस दौरान निःशुल्क आवास, रहने-खाने की सुविधा, यातायात के प्रबंध, संभावित चुनौतियां, प्रमुख अखाड़ों की उपस्थिति और डिजिटल दर्शन जैसे पहलुओं की विस्तृत जानकारी जुटाई गई। आज इन सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को इस रिपोर्ट के जरिए आपको बताएं।

भारतीय रेल की ओर से दी गई सुविधाएं
महाकुंभ के दौरान रेलवे द्वारा कुल 13,000 ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है, जिसमें 10,000 नियमित और 3,000 विशेष ट्रेनें शामिल हैं। यह संख्या पिछले कुंभ के मुकाबले लगभग चार गुना अधिक है। 554 टिकट काउंटर स्थापित किए गए हैं, जिनमें 151 मोबाइल अनारक्षित टिकट काउंटर शामिल हैं, ताकि टिकट बुकिंग में आसानी हो। स्टेशनों पर घोषणाएं 12 भाषाओं में की जा रही हैं, जिससे विभिन्न भाषाई पृष्ठभूमि के यात्रियों को जानकारी प्राप्त करने में सुविधा हो। स्टेशनों पर 11,476 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं I

रेलवे स्टेशन की व्यवस्थाएं
रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के आराम के लिए स्लीपिंग पॉड्स की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जो कम से कम दामों में कुछ घंटों के लिए ठहरने वाले श्रद्धालुओं को दी जाएंगी।

बाई रोड भी जा सकते हैं महाकुम्भ स्थल
निशुल्क बस सेवा – महाकुंभ के छह प्रमुख स्नान पर्वों पर रोडवेज की 350 शटल बसें निःशुल्क चलेंगी, जो शहर के विभिन्न हिस्सों से मेला क्षेत्र तक सेवा प्रदान करेंगी।

निशुल्क टोल टैक्स – अगर आप निजी वाहन से प्रयागराज जाना चाहते हैं तो महाकुंभ 2025, जो 13 जनवरी से शुरू हो चूका है और 26 फरवरी तक चलेगा, इस दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश के सात प्रमुख टोल प्लाज़ाओं पर टोल टैक्स माफ़ कर दिया गया है।
ये हैं उन निःशुल्क टोल प्लाजाओं की सूची
- अंधियारी टोल प्लाज़ा (प्रयागराज-रायबरेली मार्ग)
- उमापुर टोल प्लाज़ा (चित्रकूट मार्ग)
- गन्ने टोल प्लाज़ा (रीवा मार्ग)
- मुंगारी टोल प्लाज़ा (मिर्जापुर मार्ग)
- हंडिया टोल प्लाज़ा (वाराणसी मार्ग)
- भोपतपुर टोल प्लाज़ा (हंडिया-कोखराज मार्ग)
- मऊआइमा टोल प्लाज़ा (अयोध्या मार्ग)

इन टोल प्लाज़ाओं पर हल्के निजी और वाणिज्यिक वाहनों से टोल टैक्स नहीं लिया जाएगा, जबकि भारी वाणिज्यिक वाहनों से टोल शुल्क वसूला जाएगा। इसके अतिरिक्त, टोल प्लाज़ा पर यात्रियों के लिए चाय-नाश्ते की व्यवस्था भी की गई है, जिससे उनकी यात्रा और भी सुगम हो सके।
नया ट्रैफिक प्लान – मेला प्रशासन ने सात प्रमुख मार्ग निर्धारित किए हैं, जिनमें जौनपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, रीवा-चित्रकूट, कानपुर-फतेहपुर-कौशांबी, कौशांबी और लखनऊ-प्रतापगढ़ मार्ग शामिल हैं। इन मार्गों पर 102 पार्किंग स्थल बनाए गए हैं, जहां 5 लाख से अधिक वाहन पार्क किए जा सकते हैं। जहाँ पहले श्रद्धालुओं को 20 से 25 किलोमीटर तक संगम स्नान के लिए पैदल यात्रा करना ही पड़ता था, अब यह दूरी घटकर अधिकतम 4 किलोमीटर तक हो गई है।
हालांकि, इतने बड़े आयोजन में कुछ चुनौतियां भी हैं, जैसे भीड़ प्रबंधन और यातायात नियंत्रण।
प्रशासन इन संभावित असुविधाओं को कम करने के लिए विशेष योजनाएं बना रहा है, जिसमें प्रमुख मार्गों पर यातायात नियंत्रण, वन-वे रूट की व्यवस्था और भीड़ बढ़ने पर तुरंत डायवर्जन लागू करने के उपाय शामिल हैं।
प्रयागराज संगम में की व्यवस्थाएं

टेंट सिटी – अगर आप ऐसा स्थान चाहते हैं जहा आपके गोपनीयता और एकांत का ध्यान रखा जाए, खाने-पीने से लेकर रहने तक हर व्यवस्था हो तो भी संगम तट पर सामान्य से लेकर लग्जरी टेंट की व्यवस्था की गई है। कुछ विशेष टेंट की दरें प्रति रात एक लाख रुपये तक हो सकती हैं I
हालांकि यह दर भारत के आम नागरिक के लिए बहुत ही ज्यादा है। स्थानीय होटल और गेस्ट हाउस सुविधाओं और साफ-सफाई के नाम पर जरूरत से ज्यादा पैसे वसूल रहे हैं।

निशुल्क आवास व्यवस्था – महाकुम्भ पंहुचने के बाद वहां लगे कई धर्म गुरुओं द्वारा कई पंडाल और टेंट भी लगाए गए हैं जो पूरी तरह से निःशुल्क है जहाँ चाहे तो रुका भी जा सकता है I यहाँ सुबह -शाम कई पंडालों में निःशुल्क भोजन और भंडारे भी कराये जा रहे हैं I इसके अतिरिक्त मेले में ही डोमिनोस, कैफ़े कॉफ़ी डे, कोका कोला, श्री सुख सागर फ़ूड कोर्ट जैसी कई बड़ी कंपनियों द्वारा छोटे छोटे रेस्टोरेंट्स भी बनाए गए हैं। अगर आप फूडी हैं तो आप एक बार ज़रूर वहां जाकर खाने का लुत्फ उठा सकते हैं।
कुम्भ मेले और संगम तट के रास्तों को समझना आसान

साइनएज और सूचना प्रणाली – श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 1700 से अधिक साइनएज लगाए गए हैं। साथ ही 230 स्थानों पर वैरिएबल मैसेज डिस्प्ले बोर्ड स्थापित किए गए हैं, ताकि आवश्यक सूचनाएं आसानी से उपलब्ध हों।

ई-रिक्शा सेवा – मेला क्षेत्र को छह जोन में बांटा गया है, जहां रंग-कोडित ई-रिक्शा संचालित हो रहे हैं, जिससे श्रद्धालुओं को आवागमन में सुविधा होगी।
स्वास्थ्य और स्वच्छता

विश्रामगृह और शौचालय – कानपुर-प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग-2 पर विश्रामगृह और शौचालयों का निर्माण किया गया है। साथ ही एम्बुलेंस की भी व्यवस्था की गई है।
यह व्यवस्था संगम तट पर लगभग सभी जगह उपलब्ध है I मेला क्षेत्र में स्वच्छता बनाए रखने के लिए लगभग 10,000 सफाई कर्मियों की नियुक्ति की गई है, जो 1.5 लाख से अधिक शौचालयों और मूत्रालयों की सफाई सुनिश्चित करेंगे।
आपातकालीन सेवाएं

आपातकालीन योजना – मुख्य स्नान पर्वों पर विशेष परिस्थितियों के लिए आपातकालीन योजनाएं (डायवर्जन स्कीम) तैयार की गई हैं, ताकि भीड़ प्रबंधन सुचारु रूप से हो सके।
इसके साथ ही प्रयागराज में जलमार्गों पर आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए ‘जल एम्बुलेंस’ सेवाएं तैनात की गई हैं। ये जल एम्बुलेंस चिकित्सा सुविधाओं से सुसज्जित रहेंगी और प्रशिक्षित डॉक्टरों एवं पैरामेडिकल स्टाफ के साथ संचालित होंगी, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित चिकित्सा सहायता प्रदान की जा सके।
इसके अलावा, संगम क्षेत्र में जल एम्बुलेंस सेवाएं भी संचालित की जा रही हैं, जिससे जलमार्गों पर किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता मिल सके। मेला क्षेत्र में 24 घंटे चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध रहेंगी, जिसमें विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती की गई है।
सुरक्षा बल एवं एजेंसियां

उत्तर प्रदेश के 70 से अधिक जिलों के पुलिस बल को तैनात किया गया है, जिनकी कुल संख्या 75,000 सुरक्षाकर्मियों की हो गई है। केंद्रीय अर्धसैनिक बल पैरामिलिट्री फोर्सेज के साथ आतंकवाद निरोधक दस्ते के जवान एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS), 100 NSG कमांडो, होमगार्ड्स, 4,300 फायर सेफ्टी यूनिट्स को आगजनी जैसी घटनाओं से निपटने के लिए, 400 महिला पुलिसकर्मी ताकि महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो, संगम क्षेत्र में जलमार्गों की सुरक्षा के लिए 3,800 जल पुलिसकर्मीयों कि तैनाती इस महाकुम्भ में की गई है I
इसके साथ ही आसमान से निगरानी के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है, जिससे भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा में सहायता मिलती रहे। 2,750 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) द्वारा समर्थित हैं।
इन व्यवस्थाओं के साथ, सरकार ने महाकुंभ 2025 को श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित, सुविधाजनक और यादगार बनाने का प्रयास किया गया है।
उपस्थित ना हुए तो भी होंगे दर्शन

महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की सुविधा और व्यापक पहुंच के लिए डिजिटल दर्शन की विशेष व्यवस्था की गई है। इस पहल के माध्यम से, जो भक्त स्वयं उपस्थित नहीं हो सकते, वे ऑनलाइन माध्यमों से महाकुंभ के विभिन्न आयोजनों और धार्मिक अनुष्ठानों का सीधा प्रसारण देख सकते हैं।
घातक भी हो सकती हैं कुछ कमियाँ

भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा
करोड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति के कारण भीड़ प्रबंधन एक प्रमुख चुनौती रही है। हालांकि प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं, फिर भी इतनी बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति से कुछ स्थानों पर अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हुई है।
स्वच्छता और कचरा प्रबंधन
इतने बड़े पैमाने पर लोगों के एकत्रित होने से स्वच्छता बनाए रखना कठिन हो जाता है। हालांकि प्रशासन ने शौचालयों, डस्टबिनों और कचरा उठाने वाली गाड़ियों की व्यवस्था की है, फिर भी कुछ क्षेत्रों में कचरे का उचित प्रबंधन नहीं हो पाया है। कई जगह आप प्लास्टिक बैन जैसे साइनएज को देख सकते हैं जिनके ठीक नीचे गंगाजल भरने वाले बोतल बिक रहे हैं I
आग लगने का भी है बड़ा खतरा
संगम में श्रद्धालुओं के ठहरने वहा काम करने वाले मजदूरों के रुकने वाले बहुत से छोटे छोटे टेंट कपडे के हैं जो जमीन को छूते हैं ऐसे में अगर कोई परिवार वहा रह रहा है वहीँ खाना भी पका रहा है तो भी आग लग सकती है I
उसी तरह संगम तट पर जो श्रद्धालु नहा कर निकले और उनके पानी से तट पर कीचड ना हो जिससे फिसलन ना हो या श्रद्धालुओं के पैरों में मिट्टी ना लगे इसके लिए वहा कास और पुआर बिछाए गए हैं और वो कास और पुआर पुरे तट पर मौजूद हैं, किसी के पूजा पाठ के दौरान किसी के द्वारा अगरबत्ती जलाई जाए या माचिस से भी हल्की आग लग जाए तो बड़ी अनहोनी हो सकती है I जिसका ध्यान प्रसाशन को देना चाहिए या कोई और उपाय सोचना चाहिए था I
इस बार संगम में क्या है ख़ास
प्रमुख संत और बाबा
मोक्ष पुरी बाबा – न्यू मैक्सिको, अमेरिका से आए मोक्ष पुरी बाबा महाकुंभ 2025 में सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए उपस्थित हैं।

IIT वाले बाबा – मूल रुप से उज्जैन के रहने वाले अभय सिंह जिन्होंने बाबा बनने से पहले आईआईटी बॉम्बे से इंजीनियरिंग की है I इसके अलावा उन्होंने फोटोग्राफी की दुनिया में भी हाथ आजमाया है I इसी की वजह से अभय को खूब पसंद भी किया जा रहा है I

एक हाथ ऊपर रखने वाले बाबा – इस बार महाकुम्भ में एक ऐसे बाबा भी उपस्थित होंगे जिन्होंने अपना बयां हाथ उठा कर तपस्या और साधना की है I इस महाकुम्भ में इन बाबा का एक विडियो भी सोशल मीडिया पर खूब शेअर किया जा रहा है जहाँ एक यूट्यूबर द्वारा उट-पटांग सवाल करने पर उन्होंने उस यूट्यूबर को सबक सिखाया था I
महाकुंभ 2025 को खास बनाता है यह तथ्य कि यह 144 साल बाद एक दुर्लभ योग में आयोजित हो रहा है।
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, इस बार महाकुंभ का आयोजन उस संयोग में हो रहा है जब गुरु (बृहस्पति) कुंभ राशि में और सूर्य मकर राशि में होंगे। यह संयोग हर 144 वर्षों में एक बार बनता है, जिसे हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ और अद्वितीय माना जाता है।

इतना बड़ा हिन्दू पर्व होना और इसके साथ देश विदेश से आने वाले तरह तरह के लोग, संस्कृति, सोच सभी इस संगम में आस्था कि डुबकी लगाने प्रयागराज में आ रहे हैं यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है I