Varanasi : सामाजिक सरोकारों के प्रति समर्पित संकल्प संस्था(Sankalp Annakshetra) द्वारा संचालित संकल्प अन्नक्षेत्र के तहत शनिवार को संकटमोचन हनुमान मंदिर में भगवान हनुमान को भोग अर्पित किया गया। इसके बाद चौक स्थित कन्हैयालाल गुलालचंद सर्राफ प्रतिष्ठान के सामने खिचड़ी प्रसाद का वितरण किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं, श्रमिकों और राहगीरों ने प्रसाद ग्रहण किया। यह आयोजन सामाजिक एकता और सेवा के संदेश को बढ़ावा देने वाला रहा।

संकल्प संस्था के संरक्षक अनिल कुमार जैन ने इस अवसर पर कहा कि काशीवासियों के लिए यह सौभाग्य की बात है कि हम काशी विश्वनाथ और माँ अन्नपूर्णा की नगरी में निवास करते हैं। यदि प्रत्येक व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार समाज को कुछ योगदान दे, तो एक बड़ा सामाजिक परिवर्तन संभव है।
महाराज अग्रसेन जी का ‘एक रुपया और एक ईंट’(One rupee and one brick) का सिद्धांत आज भी प्रासंगिक है, जिसने अग्रोहा को समृद्ध राज्य में परिवर्तित किया था। उन्होंने जोर देकर कहा कि छोटे-छोटे प्रयास सामूहिक रूप से समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

आयोजन का विवरण :-
स्थान: संकटमोचन हनुमान मंदिर और कन्हैयालाल गुलालचंद सर्राफ प्रतिष्ठान के सामने, चौक।
गतिविधि: भगवान हनुमान को भोग अर्पण और खिचड़ी प्रसाद वितरण।
लाभार्थी: सैकड़ों श्रद्धालु, श्रमिक और राहगीर।
विशेषता: संकटमोचन मंदिर, जो गोस्वामी तुलसीदास द्वारा स्थापित और भगवान हनुमान को समर्पित है, अपनी आध्यात्मिक महत्ता के लिए विश्व प्रसिद्ध है। मंदिर में भगवान हनुमान को बेसन के लड्डू प्रसाद के रूप में चढ़ाए जाते हैं और तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस का एक बड़ा हिस्सा यहीं लिखा गया था।

आयोजन में प्रदीप अग्रवाल, रीता अग्रवाल, अनुपम श्रीवास्तव (HDFC BANK) और मृदुला अग्रवाल ने सराहनीय सहयोग दिया। इसके अलावा, निम्नलिखित प्रमुख लोग उपस्थित रहे:

अनिल कुमार जैन (संरक्षक, संकल्प संस्था)
गिरधर दास अग्रवाल (Madras Cloth Centre)
शिवकुमार अग्रवाल (इंश्योरेंस)
संतोष कुमार अग्रवाल (कर्णघंटा)
संजय अग्रवाल (गिरिराज)
राजेन्द्र अग्रवाल (माड़ी वाले)
गरिमा टकसाली
अमित श्रीवास्तव
भईया लाल
मनीष और संकल्प संस्था के अन्य पदाधिकारी व सदस्य।

अनिल कुमार जैन ने अपने संदेश में महाराज अग्रसेन के सिद्धांत का उल्लेख करते हुए सामूहिक प्रयासों की शक्ति पर जोर दिया। उनका कहना था कि यदि समाज का प्रत्येक व्यक्ति छोटे-छोटे कदम उठाए, जैसे कि प्रसाद वितरण या अन्य सामाजिक कार्य, तो इससे समाज में बड़ा बदलाव आ सकता है। यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण रहा, क्योंकि इसमें विभिन्न वर्गों के लोगों ने हिस्सा लिया।