वाराणसी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम जन्मभूमि मंदिर में भगवान रामलला के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित प्रतिष्ठा द्वादशी कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने कहा कि सत्य को अधिक दिनों तक धुंधला करके नहीं रखा जा सकता। सत्य एक दिन उजागर होता है, और आज प्रभु रामलला का भव्य मंदिर अयोध्या में इसका प्रमाण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मंदिर दबी-कुचली सभ्यताओं और संस्कृतियों के लिए एक संदेश है कि लोकतांत्रिक और संवैधानिक तरीकों से अधिकार प्राप्त किए जा सकते हैं। रामजन्मभूमि आंदोलन में हुए बलिदान, धैर्य और संघर्ष ने यह सुनिश्चित किया कि आज हर भारतवासी इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बन सके। साथ ही उन्होंने अयोध्या के विकास पर जोर देते हुए कहा कि आज अयोध्या आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, फोरलेन सड़कों का निर्माण, और राम की पैड़ी में सरयू का स्वच्छ जल, अयोध्या को वैश्विक पहचान दिला रहा है। उन्होंने कहा कि 500 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद, 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलला के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा संपन्न कराई। यह दिन हर रामभक्त के लिए गौरव का क्षण था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राम जन्मभूमि मंदिर सनातन धर्म के सभी धार्मिक स्थलों के लिए नई प्रेरणा का केंद्र बनेगा। उन्होंने न्यास की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने बिना दिन-रात की परवाह किए मंदिर को भव्य रूप देने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि राम राष्ट्र के प्रतीक हैं। राम हैं तो राष्ट्र है और राष्ट्र है तो राम हैं। हमें जातिवाद और क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर राष्ट्रीय एकता को मजबूत करना होगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने श्रीरामलला के विग्रह के समक्ष दीप प्रज्वलित किया और पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने आंदोलन में बलिदान देने वाले संतों और रामभक्तों को भी नमन किया।
