Sawan 2025 : 11 जुलाई से पवित्र सावन मास की शुरुआत हो चुकी है और इस बार भक्तों की श्रद्धा देखते ही बन रही है। कल यानी 14 जुलाई को सावन (Sawan 2025) का पहला सोमवार है और इस दिन काशी विश्वनाथ मंदिर में शिवभक्तों का सैलाब उमड़ने की उम्मीद है। मंदिर प्रशासन ने दर्शन को सुगम और व्यवस्थित बनाने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो।
काशी विश्वनाथ धाम, जो 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, सावन (Sawan 2025) के हर सोमवार विशेष रूप से सजाया जाता है। हर सोमवार बाबा विश्वनाथ को एक अलग स्वरूप में श्रृंगारित किया जाता है, जिससे भक्तों को अद्भुत और दिव्य दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होता है।
Sawan 2025 : सावन के चार सोमवार और बाबा के चार रूप
1. पहला सोमवार – पारिवारिक रूप में बाबा विश्वनाथ
सावन के पहले सोमवार को बाबा की चल प्रतिमा का भव्य श्रृंगार होता है, जिसमें वे अपने पूरे परिवार – माता पार्वती, कार्तिकेय और गणेश जी के साथ दर्शन देते हैं। यह अनुपम दृश्य साल में सिर्फ इसी दिन देखने को मिलता है।
2. दूसरा सोमवार – गौरी शंकर स्वरूप
दूसरे सोमवार को बाबा विशेष रजत प्रतिमा के साथ ‘गौरी शंकर’ रूप में दिखाई देते हैं। गर्भगृह तक यह प्रतिमा विधिवत पूजन और श्रृंगार के बाद स्थापित की जाती है। यह स्वरूप शिव-पार्वती की एकता का प्रतीक माना जाता है।
3. तीसरा सोमवार – अर्धनारीश्वर स्वरूप
तीसरे सोमवार को बाबा का अर्धनारीश्वर रूप देखने को मिलता है। इसमें वे आधे पुरुष और आधे स्त्री के रूप में सजाए जाते हैं – जो शिव और शक्ति की अद्वितीय संकल्पना को दर्शाता है। यह श्रृंगार अत्यंत अद्भुत और दर्शनीय होता है।

4. चौथा सोमवार – रुद्राक्ष श्रृंगार
चौथे सोमवार को बाबा को हजारों-लाखों रुद्राक्षों से सजाया जाता है। यह श्रृंगार रौद्र रूप का प्रतीक होता है और भक्तों में विशेष आकर्षण का केंद्र बनता है।
सावन पूर्णिमा – झूला श्रृंगार
सावन (Sawan 2025) की पूर्णिमा पर बाबा विश्वनाथ को झूले पर विराजमान किया जाता है। इसे ‘झूला श्रृंगार’ कहा जाता है, जो भक्तों के लिए एक अलग ही आध्यात्मिक अनुभव लेकर आता है।