वाराणसी: श्रावण मास के दूसरे सोमवार को श्री काशी विश्वनाथ (Kashi Vishwanath Temple) मंदिर में भक्तों को बाबा विश्वनाथ के गौरी-शंकर स्वरूप (शंकर-पार्वती) के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा। सावन के हर सोमवार की तरह इस बार भी बाबा का विशेष श्रृंगार किया जाएगा। मंदिर न्यास ने दर्शन-व्यवस्था से लेकर सुरक्षा इंतजाम तक सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
Kashi Vishwanath : श्रृंगार और दर्शन की विशेष व्यवस्था
काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि सावन के दूसरे सोमवार को बाबा (Kashi Vishwanath) को गौरी-शंकर स्वरूप में सजाया जाएगा। यह अलौकिक श्रृंगार भक्तों को विशेष आध्यात्मिक अनुभूति देगा। इसके बाद तीसरे सोमवार (28 जुलाई) को अर्धनारीश्वर और चौथे सोमवार (4 अगस्त) को रुद्राक्ष श्रृंगार होगा। पूर्णिमा (9 अगस्त) को वार्षिक झूला श्रृंगार का आयोजन होगा।
श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए मंदिर परिसर में रेड कार्पेट बिछाया गया है, और फूलों की वर्षा कर उनका स्वागत किया जाएगा। दर्शन मार्गों को व्यवस्थित किया गया है ताकि भीड़ में भी लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
मुख्यमंत्री के निर्देश और सुरक्षा प्रबंध
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने वाराणसी दौरे के दौरान निर्देश दिया था कि कांवड़ यात्रा पूरी तरह से सुरक्षित और सुगम होनी चाहिए। इसी क्रम में पुलिस और प्रशासन ने जल, थल और आकाश से निगरानी के व्यापक इंतजाम किए हैं।

सुरक्षा और ट्रैफिक प्लानिंग:
- गंगा में एनडीआरएफ और जल पुलिस की टीमें तैनात
- 8 ड्रोन लगातार पेट्रोलिंग करेंगे, जबकि एक टीथर्ड ड्रोन लम्बी दूरी तक नजर रखेगा
- 200 सीसीटीवी कैमरों से निगरानी
- 10 क्विक रिस्पॉन्स टीम 24 घंटे मुस्तैद
- 1,500 से अधिक पुलिसकर्मी ड्यूटी पर तैनात
- 20 मोटरसाइकिल दस्ते सड़कों पर गश्त करेंगे
- मंदिर मार्गों पर ट्रैफिक डायवर्जन और नो एंट्री लागू (शनिवार से मंगलवार सुबह तक)
कांवड़ियों के लिए विशेष इंतजाम
प्रयागराज से आने वाले कांवड़ियों के लिए काशी राजमार्ग की बायीं लेन सुरक्षित कर दी गई है। श्रद्धालुओं के ठहरने, दिशा-निर्देशन और राहत के लिए कई अस्थाई पुलिस चौकियां भी स्थापित की गई हैं।
श्रद्धा और सुरक्षा के संगम का अद्भुत दृश्य
इस बार का सावन सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि व्यवस्थित और सुरक्षित सावन बनकर सामने आ रहा है। बाबा विश्वनाथ के दर्शन का यह पावन अवसर श्रद्धालुओं के लिए जीवनभर की यादगार बन जाएगा।
